जो कभी था उष्ट्र परियोजना निदेशालय और आज है राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र-5 जुलाई को मनाएंगे 40 वां स्थापना दिवस – Chhotikashi.com

जो कभी था उष्ट्र परियोजना निदेशालय और आज है राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र-5 जुलाई को मनाएंगे 40 वां स्थापना दिवस

          बीकानेर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का प्रमुख अनुसंधान केंद्र संभाग मुख्यालय बीकानेर पर स्थित राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र [एनआरसीसी] जो कृषि अनुसंंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है प्रमुख पर्यटन-स्‍थल के रूप में जाना जाता है तथा इसे पर्यटन मानचित्र में भी विशेष स्‍थान दिया गया है। पर्यटक इस केन्‍द्र में विभिन्‍न नस्‍लों के ऊंट तथा इनकी स्‍वभावगत आदतों का अनुभव कर सकते हैं। उष्‍ट्र संग्रहालय में पर्यटकों का भ्रमण उन्‍हें रेगिस्‍तानी पारिस्थितिकी तंत्र के ऊंट की विकास यात्रा एवं अनुसंधान विषयक जानकारी देता है। केन्‍द्र में उष्‍ट्र सवारी, सफारी, वीडियो तथा फोटोग्राफी करने की सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। उष्‍ट्र मिल्‍क पार्लर का विशेष आकर्षण भी यहां है क्‍योंकि यहां पर अनूठे मूल्‍य संवर्धित दुग्‍ध उत्‍पाद जैसे आइसक्रीम, गरम तथा ठण्‍डे पेय पदार्थों का विपणन किया जाता है। प्रतिवर्ष हजारों विदेशी एवं भारतीय पर्यटक केन्‍द्र का भ्रमण करने आते हैं। यह केंद्र 5 जुलाई, बुधवार को अपनी स्थापना के 39 वर्ष पूर्ण कर 40 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।  केंद्र के निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू ने बताया कि शुष्‍क और अद्र्ध शुष्‍क क्षेत्रों के समाजार्थिक विकास में ऊंटों के महत्‍व को अनुभव करते हुए भारत सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन बीकानेर में उष्‍ट्र परियोजना निदेशालय की स्‍थापना 5 जुलाई, 1984 को की थी। यह केन्‍द्र बीकानेर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर जोड़बीड़ क्षेत्र में स्थित है जिसे 20 सितम्‍बर, 1995 को क्रमोन्‍नत कर राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र का नाम दिया गया है। भारत में एक कूबड़ीय ऊंटों की संख्‍या लगभग 5 लाख है जो मुख्‍यतया भारत के उत्‍तर-पश्चिमी शुष्‍क एवं अद्र्ध शुष्‍क भाग के सीमांत राज्‍यों राजस्‍थान, गुजरात एवं हरियाणा में पाए जाते हैं। राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र एक कूबड़ वाले ऊंटों पर आधारभूत एवं व्‍यावहारिक अनुसंधान के साथ-साथ लद्दाख की नूब्रा घाटी के ठंडे रेगिस्‍तान में पाए जाने वाले दो कूबड़ीय ऊंटों पर भी अनुसंधान हेतु ध्‍यान केन्द्रित कर रहा है। बुधवार को होंगे यह कार्यक्रम प्रो. साइंटिस्ट डॉ. आर.के.सावल ने बताया कि एनआरसीसी के चालीसवें स्थापना दिवस पर फार्मर-साइंटिस्ट-स्टेकहोल्डर मीट बुधवार को एनआरसीसी के ऑडिओरियम में आयोजित होगी। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व डीडीजी (एएस) प्रो. के.एम.एल. पाठक, विशेष अतिथि निदेशक आईसीएआर-सीएसडबल्यूआरआई, अविकानगर डॉ. ए.के.तोमर, डिपार्टमेंट ऑफ एएचडी के जॉइंट सेक्रेट्री डॉ. ओ.पी.चौधरी, वहीं गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. बी.एस.राठौड़, जी.एस.भाटी होंगे।


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