अभिव्यक्ति कौशल में महारत हासिल करने से छात्रों को मिलता है सकारात्मक नजरिया : ज्योतिप्रकाश रंगा – Chhotikashi.com

अभिव्यक्ति कौशल में महारत हासिल करने से छात्रों को मिलता है सकारात्मक नजरिया : ज्योतिप्रकाश रंगा

  बेसिक पीजी. कॉलेज में ‘‘अभिव्यक्ति कौशल के प्रमुख आयाम एवं महत्ता पर मंथन’’ बीकानेर। यहां की निजी स्तर की उच्च शिक्षा क्षेत्र में सुविख्यात बेसिक पीजी. महाविद्यालय में ‘‘अभिव्यक्ति कौशल विकास’’ विषयक सेमिनार का आयोजन हुआ। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उद्घोषक, न्यूज एंकर ज्योतिप्रकाश रंगा, संस्था अध्यक्ष रामजी व्यास, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए स्वागत उद्बोधन करते हुए कार्यक्रम से संबंधित जानकारी दी गई। डॉ. पुरोहित ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ही यही है कि विद्यार्थियों में सार्वजनिक रूप से बोलने के कौशल का विकास हो। वर्तमान में जो हम विभिन्न स्किल्स यानि कौशलों के बारे में सीखे रहे हैं उनमें से एक सबसे महत्त्वपूर्ण कौशल ‘‘अभिव्यक्ति का कौशल’’ है, क्योंकि इससे हम न केवल दूसरों के साथ संवाद कर सकते हैं बल्कि अपने विचारों और भावनाओं को भी अभिव्यक्त कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री ज्योति प्रकाश जी रंगा ने बताया कि सामाजिक जीवन में अभिव्यक्ति कौशल की आवश्यकता होती है। सामान्य वार्तालाप में भी इसका महत्व होता है। अच्छी अभिव्यक्ति के लिए रोचकता और सरसता होना आवश्यक है। संदेशों के आदान प्रदान के दौरान निरंतर क्रिया प्रतिक्रिया होती है। अभिव्यक्ति-कर्ता को गुण और दोषों की पहचान होनी चाहिए।अभिव्यक्ति एक प्रकार की शक्ति है। इसमें श्रेष्ठता को अपनाना जरूरी है। श्रेष्ठ संचालन के लिए विशिष्ट गुणों को व्यवहार में लाना आवश्यक है। व्यक्तित्व, भाषा, आवाज आदि के आधार पर अभिव्यक्ति कौशल बेहतर हो सकता है। इस दौरान महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति एक महत्वपूर्ण कला है, जो प्रयासों से निरंतर निखार पर आती है। वाणी के माध्यम से दूसरों तक अपने विचारों को पहुंचाने के लिए सजगता आवश्यक है। सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अभिव्यक्ति कौशल बेहद जरूरी है। वर्तमान दौर में शिक्षक का दायित्व बहुत बढ़ गया है। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष रामजी व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने ज्योतिप्रकाश रंगा को साफा, शॉल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्टाफ सदस्यगण डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, वासुदेव पंवार, हितेश पुरोहित, अजय स्वामी, विकास उपाध्याय, गुमानाराम जाखड़, श्रीमती अर्चना व्यास, श्रीमती जयन्ती पुरोहित, श्रीमती शालिनी आचार्य, श्रीमती प्रियंका आचार्य, सुश्री अंतिमा, शिवशंकर उपाध्याय, राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।


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