राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ : इक्कीसवीं सदी के आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम – Chhotikashi.com

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ : इक्कीसवीं सदी के आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम

बीकानेर (CK NEWS CHHOTIKASHI)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) को तीन साल हो गए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से पहले देश में 1968 एवं 1986 में शिक्षा नीतियां बनायी गयीं। बदलती जीवन शैली के आधार पर शिक्षा नीति में भी बदलाव करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3 (नाल) के प्राचार्य नरसीलाल बिंजारनिया और केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 के प्राचार्य उम्मेद सिंह ने संयुक्त रुप से बताया कि नीति को अमल में लाया जा रहा है। इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली को तैयार करना है जो भारत के सभी बच्चों को लाभान्वित कर सके। कक्षा तीन से कक्षा छठी के बच्चों में आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता का ज्ञान प्रदान करने के लिए निपुण भारत कार्यान्वयन प्रक्रिया पर जोर दिया जा रहा है। इससे बच्चों की बुनियादी शिक्षा मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि नीति इक्कीसवीं सदी के आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास विकास के लिए विद्यालय में प्रवेश के लिए नई आयु सीमा निर्धारित की है। उन्होंने यह भी बताया कि 450 केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका का आरंभ किया जा रहा है। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 बीकानेर में बालवाटिका आरम्भ है। साथ ही साथ निपुण भारत कार्यक्रम के तहत कौशल विषयों को लागू कर बच्चों में नए-नए कौशलों का विकास किया जा रहा है। विद्यांजली पोर्टल पर बच्चों के समस्त विकास चरणों को अपलोड किया जा रहा है। सीखने का बेहतर माहौल तैयार करना, शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का प्रबंध करना भी नीति में शामिल है। इस अवसर पर जवाहर नवोदन विद्यालय गजनेर के प्राचार्य एम.एल.वर्मा, उपनिदेशक जनसम्पर्क हरिशंकर आचार्य, हरिशंकर भी मौजूद थे।


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