नवग्रह करते हैं जीवन को प्रभावित : साध्वीश्री भव्यगुणाश्रीजी – Chhotikashi.com

नवग्रह करते हैं जीवन को प्रभावित : साध्वीश्री भव्यगुणाश्रीजी

  साध्वीजी की निश्रा में 26 अगस्त तक नवग्रह शांति अनुष्ठान आराधना हुई शुरु पुणे। श्री सौधर्म बृहत्तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक संघश्री मुनिसुव्रत स्वामी राजेंद्र सूरि जिन - गुरुमंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास में विराजित साध्वीश्री भव्यगुणाश्रीजी ने नवग्रह का महत्व समझाते हुए कहा कि नवग्रह जीवन को प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों की स्थिति और शक्ति का मनुष्यों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। नौ तत्वों को ग्रह के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये विकासात्मक शक्तियां हैं, जो मनुष्यों को ब्रह्मांड के साथ सामंजस्य बैठाने में मदद करती हैं। नतीजतन नौ ग्रहों को नवग्रह के रूप में संदर्भित किया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्रहों की स्थिति और गति का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है, जो हमारे मनोवैज्ञानिक, आध्यात्मिक, आर्थिक और शारीरिक कल्याण को प्रभावित करता है। प्रत्येक ग्रह परमात्मा देवता द्वारा नियंत्रित है और यह व्यक्ति के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। ग्रह की स्थिति अनुकूल है, तो महादशा और गोचर के दौरान समय बहुत अच्छा बीतेगा यानी समय उसके हित में होगा। इसके विपरीत यदि कुंडली में ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में है, जीवन में परेशानियां ही परेशानियां बनी रहेंगी। साध्वीश्रीजी ने कहा कि नवग्रह मंत्र लाभकारी मंत्र हैं। ये हमारे जीवन में ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को संतुलित कर हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव छोड़ते हैं। ये मंत्र संस्कृत के पवित्र मंत्र हैं, जिनका जाप करने पर ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जाओं को बाधित कर सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है। नवग्रह मंत्रों में एक शक्ति है, जो विश्व शांति का निर्माण करती है। नौ ग्रहों की चाल का आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह मंत्र पवित्र हैं, इसलिए इन्हें जपते हुए आपका तन और मन दोनों शुद्ध होने चाहिए। दीपचंद कटारिया ने बताया कि साध्वीजी की निश्रा में 18 से 26 अगस्त तक नवग्रह शांति अनुष्ठान आराधना होगी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन लाभ प्राप्त कर रहे है। साध्वीश्री शीतलगुणाश्रीजी ने कहा कि रक्षाबंधन त्योहार समाज में नारी के महत्व को भी प्रकट करता है। बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए राखी बांधकर उन्हें सुरक्षित महसूस कराती हैं, यह दिन समाज में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है और उन्हें समाज में उच्च स्थान पर रहने का मौका देता है। समृद्धि और सफलता की कामना के साथ ही, रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। यह एक विशेष तरीका है जिससे भाई-बहन के साथ समय बिता सकते हैं और उन्हें अपनी आशीर्वाद से नवाज सकते हैं। समानता, सद्भावना और परिवार के महत्व की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं। समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस पर्व के बारे में बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं, जिनका सार यही है कि धागों का ये त्योहार प्रेम, भरोसे, त्याग और समर्पण का प्रतीक है।


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