जीवन में पुण्य बढ़ाकर सुकृत बनाएं : मुनिराज डॉ लाभेशविजयजी मसा.
श्री जैन श्वेतांबर दादावाड़ी टेंपल ट्रस्ट पुणे में गुरु गुणानुवाद एवं सत्कार समारोह आयोजित
47वें अवतरण दिवस पर मुनिराज का शासन सूर्य पदवी से अलंकरण
पुणे। व्यक्ति के जीवन का आधार पुण्य है, ऐसे में मनुष्य को सदैव पुण्य करते रहना चाहिए क्योंकि जो भी सुख वैभव इस संसार में व्यक्ति को मिलता है वह पुण्य प्रताप से ही मिलता है। उक्त सतविचार मुनिराज ज्योतिष रत्न डॉ लाभेशविजयजी महाराज साहब ने यहां अपने 47वें अवतरण दिवस निमित्त गुरु गुणानुवाद एवं भव्य सत्कार समारोह में व्यक्त किए। पुणे के सारस बाग के समीप स्थित सुविख्यात श्री जैन श्वेतांबर दादावाड़ी जैन टेंपल ट्रस्ट के तत्वावधान में चातुर्मासार्थ विराजित मुनिराज ने पुण्य के पावर हाउस को प्रबल बताते हुए कहा कि परिवार हो या व्यापार इसमें प्रेम, शांति, प्रसन्नता, आरोग्य एवं समृद्धि सब कुछ पुण्य से ही प्राप्त होता है। इस दौरान दान धर्म की विशेष महत्ता पर प्रकाश डालते हुए डॉ लाभेशमुनिजी बोले, जिनधर्म के पालनीय चार धर्मों में दान, शील, तप और भावना में दान धर्म को पुण्य प्रबल करने में महत्वपूर्ण बताया गया है। जीवन में पुण्य बढ़ाकर सुकृत बनाने की प्रेरणादायक सीख भी उन्होंने दी। कार्यक्रम में बतौर अतिथि केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी शिरकत की। इस दौरान डॉ लाभेशविजयजी को शासनसूर्य एवं मुनिराज ललितेशविजयजी म.सा. को शासन दीपक पदवियों से अलंकृत किया गया। केंद्रीय मंत्री ने भी अपने विचार रखे एवं मुनिराजश्री को जन्म दिवस की शुभकामनाएं देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। ट्रस्ट द्वारा केन्द्रीय मंत्री मोहोल का भी अभिनंदन किया गया। उनके हाथों से पुण्य नगरी के विभिन्न श्रीसंघों के ट्रस्टीयों, पदाधिकारियों एवं आयोजन से जुड़े लाभार्थी परिवारों का स्वागत सम्मान कराया गया। विश्व विख्यात संगीतकार दीपक करणपुरिया ने गुरु भक्ति की सुरमई प्रस्तुतियां दी। ट्रस्ट के पदाधिकारी संपत जैन ने संचालन किया। अशोक गुंदेचा ने सभी का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। बड़ी संख्या में शहर के गणमान्यजन कार्यक्रम में शामिल हुए। लक्की ड्रा के माध्यम से अनेक श्रद्धालुओं को उपहार प्रदान किए गए। मुनिराज डॉ लाभेशविजयजी के मुखारविंद से मांगलिक के बाद प्रभावना वितरण तथा गौतम प्रसादी के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।