मां पद्मावती के 21 दिव्य रूपों से सजे अलौकिक पंडाल का उद्घाटन किया सुप्रीम कोर्ट जज रवि कुमार ने
कृष्णगिरी शक्ति महोत्सव के तहत हजारों श्रद्धालुओं ने जगत जननी का केसरयुक्त दूध से महाअभिषेक किया
नवरात्रि में मां की भक्ति डांडिया से नहीं, श्रद्धामय आराधना कर जीवन को नया बनाएं : राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजय जी महाराज
कृष्णगिरि। दिव्यता एवं भव्यता से सजे श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम में दस दिवसीय कृष्णगिरी शक्ति महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार को हस्त नक्षत्र में घट स्थापना के विशेष मुहूर्त में वैदिक मंत्रों से अल सुबह दीप रोशन के साथ हुआ। इस दौरान प्रथम दिवस मां पद्मावती की चमत्कारिक प्रतिमा का हजारों भक्तों द्वारा केसर युक्त दुग्ध से महाभिषेक किया गया। इसके बाद पूज्य गुरुदेव शक्ति पीठाधिपति राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजय जी महाराज की पावन निश्रा में साधना कक्ष में जाप, अनुष्ठान में सभी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में बतौर तीर्थधाम के भक्त शामिल हुए सर्वोच्च न्यायालय के जज रवि कुमार ने नई दिल्ली से यहां आकर सपरिवार शिरकत की, साथ ही उन्होंने मां पद्मावती के 21 दिव्य रूपों से सजे अलौकिक पंडाल का फीता काटकर शुभारंभ भी किया। इस दौरान पूज्य गुरुदेवश्री के मुखारविंद से इसी पंडाल में संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा प्रारंभ हुई। शक्ति पीठाधीपति ने बताया कि भक्ति के लिए श्रद्धावान व्यक्ति को अनुशासन के विवेक के साथ योग्य बनने के लिए कर्म व आचरण सुधारना चाहिए। भक्ति में ज्ञान का नहीं, बल्कि विनय विवेक ही भक्ति का लक्षण होता है। राष्ट्रसन्त ने हज़ारों किमी दूर क्षेत्रों से आए भक्त जनों को बताया कि विभिन्न दुर्लभ द्रव्यों, सिद्धांत एवं सामर्थ्य से समृद्ध दक्षिण भारत ईश्वरीय ऊर्जा को संरक्षित रखने का प्रमुख क्षेत्र है, उन्होंने कहा, दक्षिण के द्रविड़ सिद्धांत में ही भक्ति का प्राकट्य हुआ है। कथा श्रवण के शास्त्रोक्त विधान का बखान करते हुए पूज्य गुरुदेव राष्ट्रसन्त श्री वसंत विजय जी महाराज ने मां की भक्ति में डांडिया कल्चर का विरोध करते हुए श्रद्धा भाव से करुणामई मां की आराधना, पूजा करने की प्रेरणादाई सीख दी। इस अवसर पर कृष्णगिरी की जिला जज सुमति साई प्रिया भी मौजूद रही। दोनों माननीय न्यायाधीशों का शक्ति पीठ के ट्रस्ट मंडल द्वारा माल्यार्पण कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। कल्याणकारी कथा वाचन के बाद दिव्य यज्ञ कुटीर में 36 कुंडीय हवन यज्ञ में उत्तर प्रदेश के काशी से आए 80 विद्वान पंडितों द्वारा हजारों किलो घी, विभिन्न प्रकार की चंदन की लकड़ियों, सूखे मेवे, दुर्लभ औषधयों का अनेक बीज। मंत्रों व मां के सहस्रनामों के साथ आहुतियां दी गई। महायज्ञ की अलौकिक ऊर्जा प्राप्त करते हुए श्रद्धालुओं ने हजारों दीपों से सामूहिक महाआरती भी की। भजन गायक कलाकारों द्वारा देर रात तक भजनों की प्रस्तुतियों में श्रोताओं ने आनंद प्राप्त किया। डॉ संकेश छाजेड़ ने बताया कि तीनों समय के भोजन प्रसाद के साथ देश के लगभग हर प्रांत सहित विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कृष्णगिरी पहुंचकर नवरात्रि पर्व में मां की भक्ति का लाभ ले रहे हैं। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर तथा संस्कार टीवी चैनल पर लाइव प्रसारित किया जा रहा है।