दुख मिटाना है तो झूठ, निंदा छोड़े व संस्कार श्रेष्ठ बनाएं : राष्ट्रसंत डॉ श्री वसंत विजय जी महाराज – Chhotikashi.com

दुख मिटाना है तो झूठ, निंदा छोड़े व संस्कार श्रेष्ठ बनाएं : राष्ट्रसंत डॉ श्री वसंत विजय जी महाराज

      मां पद्मावतीजी का सैकड़ों किलो दूध से हजारों श्रद्धालुओं द्वारा महाभिषेक जारी     कृष्णगिरी शक्ति महोत्सव में कष्टहारक व सर्वकार्य सिद्धि प्रदायक देवी की आराधना में गूंज रहे जय मां के जयकारे     कृष्णगिरि। सैकड़ों किलो केशर युक्त दूध से हजारों की तादाद में भक्त जनों द्वारा कतारबद्ध होकर देवी मां पद्मावतीजी का महाभिषेक, फिर साधना कक्ष में अनेक देवों को प्रसन्न करने अर्थात् आकर्षित करने वाली मुद्राओं के साथ जाप अनुष्ठान तथा शाम को हजारों किलो घी, मेवे, दुर्लभ औषधियों, चंदन की विभिन्न प्रकार की लकड़ियों से हवन यज्ञ में मां के विभिन्न बीज मन्त्रों, सहस्त्रनाम से काशी के विद्वान विप्रजनों द्वारा आहुतियों के धुएं ने हवा एवं आभामंडल को भक्ति से सराबोर कर दिया है। यही नहीं, दोपहर के सत्र में शक्ति पीठाधीपति, राष्ट्रसंत पूज्य गुरुदेव डॉ श्री वसंत विजय जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद देवीभागवत महापुराण कथा गाथा का गुणगान वर्णन श्रवण कृष्णगिरि शक्ति महोत्सव में श्रद्धालुओं को एक तरह से मां से साक्षात करा रहा है। इसके बाद देर रात्रि तक भजन गायकों द्वारा दी जा रही संगीतमय प्रस्तुतियां नवरात्रि पर्व की महिमा को चार चांद लगा रही है। कुल मिलाकर भक्तजनों को लगभग 15 से 16 घंटे तक मां की भक्ति आराधना साकार रूप ले रही है। 10 दिवसीय कष्टहारक मां की भक्ति आराधना में देश और दुनिया (विदेशी सैलानी) से विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदायों से आए श्रद्धालु शक्ति पीठाधिपति पूज्य गुरुदेव श्री वसंत विजय जी महाराज की पावन निश्रा में पुण्य एवं सुख समृद्धि प्रदायिक स्तुतियां एवं वाणी से आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। शनिवार को तृतीया तिथि, स्वाति नक्षत्र एवं चंद्रघंटा देवी की महिमा का विस्तार से वर्णन गुणगान पूज्य गुरुदेवश्री ने किया। उन्होंने कहा कि आज 6 खंडों से अर्थात अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इजिप्ट, रसिया, अफ्रीका, ग्रीस के साथ भारतभर से श्रद्धावान लोग कृष्णगिरी स्वयं के कल्याण के लिए आए हैं। संसार में दुखी, ऋणी, रोगी लोगों का जिक्र करते हुए श्री वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि दुख का कारण झूठ बोलना व निंदा करना तथा गलती का स्वयं द्वारा नहीं मानना है। उन्होंने कहा, दुख मिटाना व आरोग्य प्राप्त करना है तो इसे सुधारें व संस्कारों को श्रेष्ठ बनाएं। मनुष्य जन्म को सार्थक बनाएं। विवेकहीन न बनते हुए अपने लक्ष्य उद्देश्य को भी जानें। सिद्ध साधक संत डॉ वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि अहिंसा, संयम, तप जिसमें होगा देवता भी उसे नमन करेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्कार चैनल एवं पूज्य गुरुदेव के अधिकृत यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव किया गया। मां कुष्मांडा अथवा कुलदेवी को आज लगाएं पेठे का भोग समस्त ब्रह्मांड को बनाने वाली कुष्मांडा देवी का चतुर्थी तिथि रविवार को नवरात्रि पर्व में पूजन होगा। राष्ट्रसंत पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज ने बताया कि मां कुष्मांडा को सर्वप्रिय भोग अनार फल व पेठे का लगाना शुभकारी माना गया है। श्रद्धापूर्वक इस भोग अर्पण से मां की कृपा से अनिष्टों का नाश होकर निश्चित संपन्नता प्राप्त होगी। सिद्धसाधक संत श्रीजी ने कहा, मां के आराधक भक्तों अर्थात् सनातन धर्मावलंबियों को अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए भी यह सहायक सिद्ध होगा।


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