“दरबार हजारों हैं, कृष्णगिरी जैसा दरबार कहां..” : कृष्णगिरी शक्ति महोत्सव में मां पद्मावतीजी की भक्ति की धूम
तमिल फिल्म अभिनेता किशन ने सपरिवार कथा श्रवण का लाभ लिया, तीर्थ धाम ट्रस्ट मंडल ने किया सम्मान
कृष्णगिरी। तमिलनाडु प्रांत के कृष्णगिरी जिले में बेंगलूरु–चेन्नई राजमार्ग पर स्थित श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ जगत जननी देवी मां पद्मावतीजी के सिद्ध धाम में नवरात्रि की जबरदस्त धूम मची है। शक्ति पीठाधीपति, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेव डॉ श्री वसंत विजय जी महाराज के पावन सान्निध्य में कृष्णगिरी शक्ति महोत्सव के तहत भव्यता एवं दिव्यता के साथ स्वर्गतुल्य सजे तीर्थ धाम में अलौकिक दैविक पांडाल में 21 रूपों में मां पद्मावतीजी की स्थापित प्रतिमाएं लोगों के दर्शन मात्र से साक्षात कष्टहारक बनकर आशीर्वाद प्रदान कर रही है। वहीं अद्भुत यज्ञ कुटीर जहां, 36 कुंडीय हवन में वैदिक मन्त्रों के गूंजायमान के साथ भक्तों के सर्वकार्य सिद्धि हेतु आहुतियां भी दी जा रही है। इस अलौकिक ऊर्जा से लाभान्वित हो रहे हजारों श्रद्धालुओं द्वारा स्वयं के कर कमलों से पुण्य प्रदायक मां पद्मावतीजी का केशर युक्त दूध से अभिषेक एवं शाम को पंचदीपों से सामूहिक आरती का सौभाग्य भी प्राप्त किया जा रहा है। नवरात्रि पर्व में मां की साक्षात कृपा प्राप्त कर रहे देश-विदेश से आए श्रद्धालु भक्तों को दोपहर के सत्र में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा श्रवण का भी लाभ पूज्य गुरुदेवश्री के श्रीमुखारविंद से प्राप्त हो रहा है। रविवार को विशाखा नक्षत्र में कुष्मांडा माता की कृपामयी गुणगान व्याख्या करते हुए सिद्ध साधक संतश्री वसंत विजय जी महाराज ने मां को ममता का नूर बताते हुए कहा कि भगवती देवी मां के हृदय में अखंड दीप की रोशनी भक्त की युगों युगों से रक्षा कर रही है। उन्होंने कहा प्रार्थना विश्वास करने वालों पर ही लागू होती है। देवी भागवत में मां कुष्मांडा का वर्णन एक दिव्य और तेजस्वी देवी के रूप में बताते हुए उन्होंने कहा कि मां कुष्मांडा के मस्तक पर अर्धचंद्र होता है, जो उनके शक्ति वह सौम्यता का प्रतीक है। संत श्रीजी ने कहा कि मां कुष्मांडा का विस्तृत उल्लेख मार्कंडेय पुराण में मिलता है। इस शक्तिशाली देवी को सृष्टि की रचनाकार माना जाता है अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना जब चारों ओर अंधकार था तब इन्होंने की थी। श्री वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि मंदिर में या किसी संत महापुरुष के समक्ष हाथ जोड़ने अथवा प्रणाम करने से व्यक्ति का संपूर्ण दिमाग काम करता है। साथ ही दैविक ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर पुण्य वर्षा प्राप्त होती है। दोनों हाथ जोड़ने से भावना और विवेक दोनों साथ जुड़कर सफलता दिलाते हैं। किसी भी धर्म, शास्त्र की कभी भी निंदा नहीं करने की प्रेरणादाई सीख देते हुए राष्ट्रसंत श्री वसंत विजय जी महाराज यह भी बोले कि सदैव धर्म की रक्षा करें, धर्म आपकी निश्चित रक्षा करेगा इस दौरान संगीतमय प्रस्तुतियों में दरबार हजारों है ऐसा दरबार कहां, जो मिलता प्यार यहां ऐसा मिलता प्यार कहां.., जिसने भी सच्चे मन से मां को याद किया है प्यार किया है बेड़ा पार किया है.., मैंने पूछा चांद से की देखा है कहीं मेरी मां को भी कहीं.., जिधर देखता हूं मंदिर तुम्हारा झुक जाता है मैया मस्तक हमारा.., मुझे रास आ गया है तेरे दर पर सर झुकाना तुझे मिल गया पुजारी मुझे मिल गया ठिकाना... सरीखे अनेक भजनों से तालियों की गूंज बनाई। इस दौरान तमिल के मशहूर फिल्म अभिनेता किशन ने सपरिवार पूज्यश्री के श्री चरणों में वंदन धोक लगाई एवं कथा श्रवण का लाभ लिया। जिनका ट्रस्ट मंडल के डॉ संकेश व रितेश कुमार ने स्वागत सत्कार किया। डॉ संकेश छाजेड़ ने बताया कि तीनों समय विविध प्रकार के व्यंजन भोजन प्रसाद की बेहतरीन व्यवस्था भी तीर्थ धाम ट्रस्ट द्वारा भक्त जनों के लिए की गई है। आयोजन का सीधा प्रसारण संस्कार टीवी चैनल एवं यू ट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव किया जा रहा है।
नायक व पूरी ने दी सांस्कृतिक मनोरंजक प्रस्तुतियां..
डुप्लीकेट संजय दत्त नाम से मशहूर मुंबई के कलाकार जादूगर रंजीत नायक व जोधपुर संभाग के नृत्य कलाकार गजेंद्र पुरी ने भी कृष्णगिरि शक्ति महोत्सव में अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियों से उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं का सांस्कृतिक मनोरंजन किया।