उदारमना व्यक्तित्व रणजीतमल कानूंगा का जिनशासन रत्न अलंकरण सम्मान – Chhotikashi.com

उदारमना व्यक्तित्व रणजीतमल कानूंगा का जिनशासन रत्न अलंकरण सम्मान

  श्री गुरु गणेश सेवा समिति द्वारा संतत्रय की जन्म, दीक्षा व पुण्यतिथि समारोह आयोजित       संतवृंद बोले, गुरु गुणगान के साथ उनके गुणों का रसपान भी जरूरी     बेंगलूरु। सद्गुरुनाथ गुरु भगवंतों के गुणगान के साथ उनके गुणों का रसपान भी करना चाहिए। जिन महापुरुषों ने जिनशासन की शोभा बढ़ाई है, समस्त श्रावक समाज पर उपकार किया है अर्थात जिनवाणी का प्रसाद बांटा है वह अतुलनीय है। यह सब पुण्य प्रभाव, आशीर्वाद तथा गुरु के प्रति समर्पण भाव से होता है। इसे संजोकर रखना भी हम सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उक्त सद्विचारों की श्रृंखला यहां वीवीपूरम स्थित महावीर धर्मशाला में संतत्रय की जन्म, दीक्षा व पुण्यतिथि के अवसर पर अनेक साधुजी, साध्वीवृंद की सान्निध्यता में प्रवाहित हुई। कर्नाटक गज केसरी संतश्री गणेशलाल जी महाराज की 145वीं जन्म जयंती, आचार्य सम्राट श्री 1008 जयमलजी महाराज की 293वीं दीक्षा जयंती व पंडित रत्नश्री संत मिश्रीमलजी महाराज की 31वीं पुण्यतिथि श्री गुरु गणेश सेवा समिति कर्नाटका बेंगलूरु के तत्वावधान में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ बेंगलूरु सेंट्रल के सहयोग से मनाई गई। इस दौरान महानगर के मशहूर समाजसेवी, भामाशाह रणजीतमल जितेंद्र कुमार आगम कुमार कानूंगा परिवार आयोजन के संपूर्ण लाभार्थी रहे। इस दौरान समिति द्वारा रणजीतमल कानूंगा को जिनशासन रत्न की उपाधि से अलंकृत किया गया। मंगलाचरण व नवकार मंत्र के सामूहिक जाप से शुरू हुए कार्यक्रम में समिति के चेयरमैन गौतमचंद धारीवाल ने स्वागत वक्तव्य दिया। उन्होंने समस्त चारित्र आत्माओं को प्रेरणास्रोत बताते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की। समिति के गठन एवं अब तक हुई विविध सामाजिक, रचनात्मक एवं अन्नदान की व्यापक गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। धारीवाल ने बेंगलूरु सेंट्रल श्रीसंघ के अध्यक्ष अशोक कुमार रांका, महामंत्री महेंद्र मुनोत व समस्त पदाधिकारियों का आयोजन सहयोगी बनने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। श्रमण संघीय उपप्रवर्तक पंकजमुनिजी, तपस्वी साधक बसंतमुनिजी, दक्षिण सूर्य वरुणमुनिजी, साध्वी सुशीलाकंवरजी, दर्शनप्रभाजी, डॉ आगमश्रीजी, चैतन्यश्रीजी मसा. व डॉ समृद्धिश्रीजी ने अपने–अपने विचार रखते हुए कहा कि गुरु किसी व्यक्ति का नहीं शक्ति का नाम है, जो शिष्य की जीवन का कायाकल्प करते हैं। साध्वीवृंद ने इस दौरान समाजरत्न रणजीतमल कानूंगा के विविध क्षेत्रों में हर प्रकार से सहयोगी भावना के मद्देनजर कहा कि वे जीवन में धन के साथ उदारता का परिचायक व्यक्तित्व हैं। श्रेष्ठ काम, उच्च पद नाम के साथ मां लक्ष्मी की कृपा सदैव ऐसे में बरकरार रहती है। इस अवसर पर समिति द्वारा कोपल एवं यादगिरी गौशाला को अनुदान राशि के तहत आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया। बडी संख्या में श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति में महामांगलिक के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। महेंद्र मुनोत ने भी विचार रखे। बेंगलूरु मित्र मंडल के शांतिलाल भंडारी, रमेश सिसोदिया सहित अनेक गणमान्यजन तथा विभिन्न श्रीसंघों के पदाधिकारिगण मौजूद रहे। गौतमचंद ओस्तवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया।


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