आईवीएएफ के ’बनारस 24’ कार्यक्रम में ज्योतिष शास्त्र के महत्व को गंभीरता से लेने की सीख
ज्योतिषी सदैव मां पार्वतीजी को प्रसन्न करके ही फलादेश दें : जगद्गुरु रामानुजाचार्यजी
डॉ मनीष पांडे की पुस्तक रामायण और आधुनिक समझ का हुआ लोकार्पण
वाराणसी। भारतीय वैदिक ज्योतिष के भविष्य, आधुनिक समय में भूमिका व सनातन धर्म से जुड़ी ज्योतिषीय अवधारणाओं पर गहन विमर्श हेतु अंतरराष्ट्रीय वैदिक एस्ट्रोलॉजी फेडरेशन (आईवीएएफ) द्वारा यहां एकदिवसीय एस्ट्रोलॉजिकल एवं स्पिरिचुअल मीट–बनारस 24 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्यजी महाराज के पावन सानिध्य में बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने शिरकत की। देश भर के विभिन्न प्रांतों से विविध क्षेत्रों में पारंगत ज्योतिष, वास्तु, न्यूमैरोलॉजी, टॉरेट सहित भविष्य की गणना करने वाले विद्वजनों ने शिरकत की। जिनका आईवीएएफ द्वारा उनकी विशिष्ट विद्या के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों पर अवार्ड एवं विविध पदवियों से सम्मानित किया गया। आईवीएएफ की प्रबंध निदेशक दिव्या पिल्लई ने सभी का स्वागत किया तथा साथ ही आयोजन की सार्थकता पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दौरान फेडरेशन की एस्ट्रो बुलेटिन व एसोसिएट डायरेक्टर डॉ मनीष पांडे द्वारा लिखित रामायण और आधुनिक समझ पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम की संपन्नता से पूर्व आईवीएएफ के सामाजिक सरोकारों के तहत समाज की कमजोर वर्ग की अनेक महिलाओं को कंबल वितरित किए गए। विद्वपंडित ज्योतिर्विदों के मंगलाचरण एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से शुरू हुए कार्यक्रम में जगद्गुरु रामानुजाचार्यजी ने भारतीय संस्कृति एवं ज्योतिष को नए दृष्टिकोण में प्रस्तुत करने वाले उक्त ऐतिहासिक आयोजन हेतु आईवीएएफ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ज्योतिष शास्त्र को नेत्र एवं मुख को व्याकरण बताते हुए कहा कि इसके व्यापक स्तर के महत्व को गंभीरता से समझने की जरूरत है। साथ ही स्वामी वासुदेवाचार्यजी महाराज ने समस्त ज्योतिषियों को जगत जननी देवी मां पार्वतीजी, अपने गुरु व इष्टदेव को प्रसन्न करके ही अपने याचक यजमान को फलादेश देने की महत्ती सीख भी दी। वैदिक ज्योतिष के सिद्धांतों, भविष्यवाणी की सटीकता तथा इसकी उपयोग की दिशा पर चर्चा करते हुए मेयर तिवारी ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने आडंबर से दिग्भ्रमित समाज में ज्योतिषी को अवरोही बताते हुए महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने हेतु वैदिक ज्योतिष के माध्यम से उपाय व समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में अतिथिवृंद काशी प्रांत के आरएसएस संपर्क प्रमुख दीनदयाल पांडे, भाजपा उपाध्यक्ष राम प्रकाश दुबे, सहकार भारती के संयोजक अनंत मिश्रा, ओमप्रकाश पांडे, अनन्यश्री फाउंडेशन के वाईके गुप्ता, आचार्य राजेश ओझा व संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी वाराणसी के प्रोफेसर मधुसूदन मिश्र ने भी अपने-अपने विचार रखे। दिव्या पिल्लई ने बताया कि सभी अतिथियों, ज्योतिर्विदों का स्वागत सत्कार बुके भेंट कर, शॉल ओढ़ाकर एवं मेमेंटो भेंट कर किया गया।