व्यक्ति को निस्वार्थ भाव से मित्रता निभानी चाहिए : पंडित गोपाल नारायण व्यास
बीकानेर: स्मृति शेष हनुमान दास व्यास (पहलवान साहब) की याद में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के सात दिवसीय कथा में व्यास पंडित गोपाल नारायण जी व्यास ने भगवान कृष्ण और रुक्मणी विवाह और भगवान के विवाह की सुन्दर कथा का वाचन किया। उन्हाेंने कहा कि मित्रता हो तो भगवान कृष्ण और सुदामा की तरह, साथ में भगावन के 24 अवतार का कथा का वाचन भी उन्हाेंने किया। महाराज श्री के मुखारविंद से रसमयी कथा सुनकर लोग भाव विभोर हो गये। महाराज श्री ने यह भी कहा कि व्यक्ति को विवाह में फिजूलखर्ची करने की बजाय गौ सेवा करनी चाहिए, सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण की मित्रता सच्ची का सबसे बडा उदारण है। उन्होंने कहा की व्यक्ति को निस्वार्थ भाव से मित्रता निभानी चाहिए हो तो का यदी मित्रता निभाणी हो सच्ची निभानी चाहिए। भगवान कृष्ण की तरह निभानी चाहिए।
(जिला एवं सत्र न्यायाधीश) बुलाकी दास व्यास ने बताया कि आज शिवकिशन जी अग्रवाल (फना बाबू) का सम्मान किया गया और आज साथ में विश्व बंधु पुरोहित ( जिला एव सत्र न्यायाधीश), उमेश बोहरा, सुरेंद्र चुरा, श्याम सुंदर, सीए महेंद्र चुरा, गोपाल कृष्ण हर्ष, बृजराज जोशी, मधुसूदन पुरोहित, देशबंधु जी, राष्ट्रीय बंधु जी अशोक बिस्सा, मोहित रंगा, विजय रंगा आदि उपस्थित थे।