वैकुंठ एकादशी पर रंगास्वामी टेंपल में भक्तों के लिए खुलेगा वैकुंठ प्रवेश द्वार
विशेष पूजा, जुलूस उत्सव, प्रसाद वितरण कार्यक्रम
कर्नाटक सहित राजस्थान, आंध्र, तमिलनाडु के भी शामिल होते हैं श्रद्धालु
बेंगलूरु। यहां के बल्लापुरपेटे आरटी स्ट्रीट स्थित करीब एक हजार वर्ष पुराने श्रीरंगास्वामी देवस्थान (टेंपल) में वैकुंठ एकादशी के पर्व को इस बार भी भव्यता के साथ हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। देवालय के अर्चकम पुजारी पंडित केशव कृष्णाजी ने बताया कि 10 जनवरी, शुक्रवार को अल सुबह 4:30 बजे से रंगास्वामी भगवान की गर्भ गृह में अतिदिव्य प्रतिमा विग्रह का अभिषेक, पूजन होगा। इसके बाद 5:30 बजे से जुलूस उत्सव निकाला जाएगा, जुलूस आगमन के साथ ही निज मंदिर आरती होगी। उसके बाद भगवान को कवच वस्त्र एवं विविध प्रकार के फूलों से सेवा श्रृंगार किया जाएगा। पुजारी केशव कृष्णाजी ने बताया कि इस आयोजन में भाग लेने के लिए कर्नाटक प्रांत के विभिन्न शहर कस्बों के साथ-साथ राजस्थान, केरल, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु इत्यादि अनेक राज्यों के भी श्रद्धावान भक्त शामिल होते हैं। इस दौरान वर्ष भर में सिर्फ एक बार ही होने वाले बैकुंठ द्वार में भक्तों के लिए परिक्रमा में प्रवेश प्रातः 6:00 बजे के बाद होगा। उन्होंने बताया कि करीब 50 से 60 हजार भक्तों का वैकुंठ एकादशी के दिवस विशेष पर रंगा स्वामीजी भगवान के दर्शन वंदन हेतु आगमन होता है। आगंतुक सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मंदिर में केंपेगौड़ा महाराज व मैसूरु वाडियार महाराज की तरफ से भी प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि एक हजार वर्ष पुराने इस प्राचीन देवालय का 250 वर्ष पूर्व तत्कालीन द्वितीय केंपेगौड़ा महाराज द्वारा जीर्णोद्धार करवाया गया था। वैकुंठ एकादशी के इस पवित्र पावन दिवस विशेष पर भगवान रंगास्वामी के दर्शन की महिमा बताते हुए उन्होंने श्रद्धालु भक्तों से दर्शन वंदन का लाभ लेने की अपील भी की है।