श्री नवलेश्वर मठाधीश पहुंचे छठे ज्योतिर्लिंग का पूजन करने
बीकानेर/भीमाशंकर। श्री नवलेश्वर मठ, श्री विवेक नाथ जी की बगीची बीकानेर के अधिष्ठाता, 32 धुनों के मानधारी योगीश्री शिवसत्यनाथजी महाराज प्रयागराज कुंभ में पवित्र स्नान कर, श्रीकाशी विश्वनाथ एवं अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के दर्शन करते हुए गुरुवार को महाराष्ट्र राज्य में भगवान शंकर के 12 में से छठे ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान भीमाशंकर का विधिवत पूजन अर्चन कर अभिषेक किया। मंदिर के विद्वान पुजारी पंडित आशीष गुरुजी ने पूजन कराया। इस दौरान उनके साथ गुरुभक्तगणों में श्रीमती श्यामा देवी, पंकज कुमार, नीलेशा भाग्येश शर्मा व मोहित सुथार आदि भी रहे। पूजन के बाद आशीष गुरुजी ने श्रीनाथजी महाराज का स्वागत सत्कार सम्मान किया। संतश्री ने इस मौके पर अपने संक्षिप्त संदेश में कहा कि भगवान को सबसे प्रिय उनकी भक्ति है। व्यक्ति को निष्काम होकर उनकी भक्ति करनी चाहिए। अंतर्यामी, सर्वशक्तिमान परमात्मा के सामने इंसान अपनी मांगे मांगता है, उसे यह नहीं मालूम कि उन्हें तो सब पता है उनके दरबार में आने के बाद कुछ मांगने की जरूरत नहीं है। संतश्रीजी ने यह भी बताया कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान का लाभ मिलता है, आत्मा शुद्ध एवं पवित्र होती है तथा ईश्वर के साथ गहरा संबंध बनता है व व्यक्ति स्वतः अपने क्षेत्र में पदोन्नत भी होता है। इसके बाद संतश्रीजी ने यहां श्री गोरखनाथ मंदिर में पीर योगी श्री गणेशनाथ जी महाराज के साथ भी शिष्टाचार भेंटवार्ता की तथा अनेक धार्मिक विषयों पर चर्चा की।