महाकुम्भ से लौटे संतश्री भावनाथजी महाराज का स्वागत, शिष्यों ने चरण धोकर चरणामृत पान किया – Chhotikashi.com

महाकुम्भ से लौटे संतश्री भावनाथजी महाराज का स्वागत, शिष्यों ने चरण धोकर चरणामृत पान किया

                                          महाराजजी ने संगम तट पर गौ रक्षा का संकल्प करवाया बीकानेर। कानासर फांटा स्थित संतश्री भावनाथ आश्रम गौशाला के अधिष्ठाता संतश्री भावनाथजी महाराज के प्रयागराज महाकुम्भ त्रिवेणी संगम स्नान कर लौटने पर उनका अभिनन्दन किया गया। संभाग मुख्यालय स्थित विश्व प्रसिद्ध सामाजिक संस्था रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा 'भैरुं' ने बताया कि संतश्री भावनाथजी महाराज ने पूर्णिमा के दिन अपने बीकानेर व जोधपुर के शिष्यों के साथ माघी पुर्णिमा को महाकुम्भ संगम में जन कल्याण एवं गौ हित कल्याण की कामना से स्नान किया और इस महाकुम्भ में संगम तट पर गौ रक्षा हेतु संकल्प दिलाया। बीकानेर अपने आश्रम में पहुंचने पर रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा 'भैरुं', प.सोहन महाराज उपाध्याय, बजरंग राजपुरोहित, प.दामोदर प्रजापत एवं भुरमल कुमावत ने संतश्री भावनाथजी महाराज को भगवा शॉल, रमक झमक ओपरणा व श्रीफल भेंट कर, रुद्राक्ष माला एवं पुष्पमाला पहना कर अभिनन्दन किया। इस दौरान उपस्थित गौ भक्तों एवं शिष्यों ने गौ दुग्ध व जल से उनके चरण धोए व चरणामृत पान किया तथा आरती की। इस अवसर पर संतश्री भावनाथजी महाराज ने बालकिया धोरा के महंत त्यागीश्री परमेश्वरदासजी महाराज का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने महाकुम्भ में उनके लिए स्नान व पूजन आदि के लिए खास व्यवस्था की। शुक्रवार सुबह जोधपुर में भी रुचि प्रतिष्ठान के गणेश लखारा व मनोज लखारा ने पुष्प वर्षा कर तथा मोतियों की माला पहनाकर महाराजश्री का अभिनन्दन किया।


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