बरसी अमृतवर्षा, सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर गुरुवर ने कहा- धर्म को सिर पर नहीं, सिर में धर्म रखो – Chhotikashi.com

बरसी अमृतवर्षा, सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर गुरुवर ने कहा- धर्म को सिर पर नहीं, सिर में धर्म रखो

                                                      बीकानेर। विश्वास पर कोई प्रश्न नहीं होना चाहिए.. तुम प्रहलाद जैसा विश्वास रखना, तुम द्रोपदी जैसा विश्वास रखना और विश्वास में संशय न हो, फिर देखो ईश्वर तुम्हारा विश्वास टूटने नहीं देगा। यह उद्गार रविवार शाम को महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में आयोजित कल्याण महोत्सव में सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुवर ने व्यक्त किए। सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुवर स्वागत समारोह समिति द्वारा आयोजित इस कल्याण महोत्सव के आयोजक प्रकाश पुगलिया ने बताया कि यह बीकानेरवासियों का सौभाग्य है कि गुरुवर की मंगलवाणी व दिव्य आशीर्वाद मिला है। कार्यक्रम आयोजक एवं श्री ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति के नेशनल मीडिया प्रेजीडेंट रवि पुगलिया ने बताया कि कल्याण महोत्सव में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने वर्चुअल उद्बोधन दिया तथा गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। हजारों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर गुरुवर ने कहा कि अगले पल में क्या होना है उसका भी हमें पता नहीं है, लेकिन ईश्वर को सब पता है। ईश्वर ने सब पहले से निश्चित कर रखा है। जो मिला है उस पर खुश हो और जो नहीं मिला है विश्वास करो आपको उससे भी श्रेष्ठ मिलेगा। ऊपर वाले ने तुम्हें इस दुनिया में किसी शर्त पर नहीं भेजा है, फिर हम क्यों आस्था में शर्त रखें। ईश्वर ने आपको इस दुनिया में भेजा है तो आप यूनिक हो, मास्टरपीस हो, आपके जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता। ब्रह्मर्षि गुरुवर ने कहा कि इस दुनिया में ईष्या, छल, कपट, अहंकार भरा भड़ा है। खासतौर पर हमें कभी भी निन्दा नहीं करनी चाहिए और निन्दक के पास बिल्कुल न बैठें क्योंकि निन्दक का माहौल आपको निन्दक बना देता है, न निन्दा करना न निन्दा सुनना। जैसे संस्कार के पास रहोगे वैसा संस्कार आपमें प्रवाहित होंगे। गुरुवर ने कहा कि खुशी से जीओ, धर्म से जीओ। धर्म को सिर पर नहीं, धर्म को सिर में रखो। सिर से आत्मा में और आत्मा से आचरण में डालो। हमारी वाणी नहीं हमारा जीवन भी बोलना चाहिए। राम का आचरण बताता है धर्म की परिभाषा। समारोह की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध समाजसेवी गणेश छल्लाणी द्वारा की गई। कार्यक्रम में हैदराबाद के प्रमुख उद्योगपति विक्रम डागा व हैदराबाद के प्रमुख उद्योगपति महेश अग्रवाल तथा अमेरिका के सुविख्यात चिकित्सक डॉ. हितेंद्र जैन का गेस्ट ऑफ ऑनर रहा। विज्ञप्ति के अनुसार गुरुवर का स्वागत बीकानेर के जाने-माने उद्योगपति बसंत नौलखा, बीकाजी ग्रुप के शिवरतन अग्रवाल, प्रमुख उद्योगपति गणेश बोथरा, यमुनानगर के सुप्रसिद्ध उद्योगपति विमल चोपड़ा, जयचंदलाल डागा, कमलचंद पुगलिया, विजय नौलखा, अशोक धीरेन्द्र नरेश सुराना, संजय सिद्धार्थ मालू कोलकाता, बाबूलाल मोहता, पूनमचंद आसकरण कमल बोथरा, विजय सिंह नरेन्द्र कुमार बैद, डॉ. एल.सी. बैद, अजय पुगलिया, पिन्टू राठी, शुभेन्द्र कोचर, विशाल बांठिया, कृष्णा सेठिया, दिलीप अग्रवाल, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी द्वारा किया गया। ढाई घंटे अनवरत बरसी मंगलवाणी बीकानेरवासियों के लिए रविवार की शाम अध्यात्म से परिपूर्ण रही। लगभग 5 बजे राजस्थान के सुविख्यात संगीतकार राजू विजयवर्गीय टीम द्वारा गणेश वंदना व भक्ति संध्या के साथ कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया। करीब साढ़े छह बजे सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ने अपनी अमृतवाणी बरसानी प्रारंभ की और लगभग ढाई घंटे तक श्रद्धालुओं ने अमृत रसपान किया। इनका रहा आतिथ्य समारोह में सागर पीठाधिश्वर दाताश्री रामेश्वरानंदजी महाराज, कर्नाटक विधायक बसवराज (बसु भाई), पाली विधायक भीमराज भाटी, दिल्ली के प्रमुख समाजसेवी शुभकरण बोथरा, सिलीगुड़ी के प्रमुख उधमी विजय बांठिया, अहमदाबाद के प्रमुख उधमी लवली गोयल, दिल्ली से सरला - विनोद बोथरा, बैंगलोर से इन्दु राठौड़, चेन्नई से आशीष मेहता, गुड़गांव से संजय शर्मा, चंडीगढ़ से भूपेंद्र जैन, जयपुर से न्यायाधीश राजेन्द्र चौधरी, दिल्ली के संजय जैन, असम से धनराज शर्मा, राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री हीरालाल नागर के भतीजे प्रमोद नागर, केन्द्रीय क़ानून मंत्री के प्रथम निजी सहायक तेजाराम मेघवाल, हनुमानगढ़ से गौरव जैन, जयपुर से प्रमोद पालीवाल, भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत, युवा भाजपा नेता पंकज अग्रवाल, जयपुर से प्रमोद पालीवाल, मुंबई से सुन्दर बोथरा, जयपुर से कमल आत्रेय, अशोक छल्लाणी, निर्मल छल्लाणी, कन्हैयालाल बोथरा, ईश्वरचंद बोथरा, नोखा से तिलोकचंद मरोठी, जयपुर से नवीन बांठिया, दिल्ली से राजेन्द्र चोपड़ा, राजकरण पुगलिया, अहमदाबाद से गौरव आचार्य, नरेश पुगलिया आदि गणमान्य जनों का आतिथ्य रहा। समारोह का कुशल संचालन रवि पुगलिया ने किया।


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