जैसे आकाशीय वर्षा धरती को, वैसे ही गुरुवाणी आत्मा को तृप्त करती है : पूज्य सिद्धगुरु – Chhotikashi.com

जैसे आकाशीय वर्षा धरती को, वैसे ही गुरुवाणी आत्मा को तृप्त करती है : पूज्य सिद्धगुरु

                      श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव की निश्रा में 'सावन महोत्सव' का भव्य समारोह जोधपुर में सम्पन्न                     जोधपुर। श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव पूज्य सिद्धगुरु ने अपने दिव्य आशीर्वचन में कहा कि सावन केवल ऋतु नहीं है, बल्कि यह भावनाओं का एक आत्मिक उत्सव है। ईश्वर का दर्शन और गुरु का मार्गदर्शन ये दोनों ही जीवन के तम को समाप्त कर दिव्य ज्योति प्रकट करते हैं। जैसे वर्षा धरती को हरियाली से भर देती है, वैसे ही गुरुकृपा हृदय को आंतरिक ज्ञान और प्रेम से फलीभूत कर देती है। उन्होंने कहा कि सावन हमें स्मरण कराता है कि जैसे आकाश से वर्षा धरती को तृप्त करती है, वैसे ही गुरु की वाणी आत्मा को तृप्त करती है। वे यहां सूर्यनगरी में विश्व धर्म चेतना मंच जोधपुर केंद्र एवं श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सावन महोत्सव कार्यक्रम में अपना आशीर्वादी उद्बोधन दे रहे थे। आत्मजागृति से परिपूर्ण उनके प्रवचन श्रवण हेतु देश और दुनिया भर से बड़ी संख्या में गुरुभक्त एवं गणमान्य विशिष्टजन शामिल हुए। विश्व धर्म चेतना मंच तिरुपति की ग्लोबल महिला चेयरपर्सन श्रीमती सरला बोथरा ने बताया कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि समाज में मानवता, सेवा और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति के तत्वावधान में देशभर में इस प्रकार के कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन हो रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सांखला ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने परमात्म स्वरुप सिद्धगुरु की अलौकिक शक्तियों, महिमाओं को मय उदाहरण के विस्तार से परिभाषित किया एवं विविध अनुभवों को भी साझा किया। अनेक वक्ताओं, गणमान्यजनों में ग्लोबल चेयरपर्सन श्रीमती सरला बोथरा, चेयरमैन घनश्याम मोदी, एडवाइजरी बोर्ड चेयरपर्सन एवं महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री राज के पुरोहित, राजस्थान के वाणिज्य मंत्री केके बिश्नोई, कानून मंत्री जोगाराम पटेल, वीमन विंग से श्रीमती प्रभा भंडारी, इंदु राठौड़, जोधपुर केन्द्र के अध्यक्ष गणपत आंचलिया, अरविंद भंडारी, अशोक सिंघवी, शुभम राजेश गुलेच्छा, राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, जोधपुर शहर के विधायक अतुल भंसाली, जोधपुर दक्षिण की महापौर श्रीमती वनिता सेठ, महापौर जोधपुर उत्तर श्रीमती कुंती देवड़ा, विधायक भीमराज भाटी, बीएसएफ के आईजी एमएल गर्ग, आशीष शांतिलाल मेहता, राजेश चोरड़िया, महेंद्र दफ्तरी, प्रमोद पालीवाल, प्रखर गोलेछा, चेन्नई के प्रकाशगुरु, कमल आत्रेय, ओमप्रकाश शर्मा, अशोक संचेती आदि ने श्रीसिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव का वंदनीय स्वागत–सत्कार करते हुए आशीर्वाद लिया। आचार्य पंडित श्रीनिवास श्रीमाली के मंत्रोंच्चारण के साथ दीप प्रज्वलन से शुरु हुए कार्यक्रम में श्री सिद्धेश्वर गुरुदेव ने युवाओं को एक अत्यंत मार्मिक और यथार्थपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि माता-पिता के जीते जी उनकी सेवा करें, क्योंकि उनके जाने के बाद केवल स्मृतियाँ ही रह जाती है। उन्होंने कहा कि मंदिर जाना अच्छा है, तीर्थ करना उत्तम है, लेकिन अगर घर में माता-पिता दुखी हैं या उपेक्षित हैं तो ये सारी पूजा व्यर्थ है, माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा यज्ञ, तप और धर्म है। गुरुतत्व की व्याख्या करते हुए सिद्धगुरु ने कहा कि गुरु केवल एक व्यक्ति नहीं होता, गुरु वह चेतना है जो व्यक्ति के भीतर के परम सत्य का दर्पण है। जब तुम गुरु से जुड़ते हो, तो ईश्वर की ओर तुम्हारी यात्रा स्वतः आरंभ हो जाती है। प्रेम को विस्तार से परिभाषित करते हुए वे बोले, अपने आप से प्रेम करें, सभी से प्रेम करें, लेकिन हमारा यह प्रेम अनकंडीशनल होना चाहिए। परमात्मा हम से अनकंडीशनल प्रेम करते हैं। मानवता की रक्षार्थ धार्मिक, आध्यात्मिक एवं राष्ट्रहित की प्रेरणादाई सीख के साथ पूज्य सिद्धगुरु ने यह भी कहा कि संसार का यह जो प्रेम है, यह तभी तक है, जब तक यह शरीर है। तुम्हारी आत्मा का जीवन साथी तेरा शरीर है। जब तक यह शरीर है, तेरी आत्मा की पहचान है। इसलिए शरीर को स्वस्थ व अच्छा रखने हेतु प्रतिदिन योग, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए, जिससे शरीर स्वस्थ बना रहे। हमारे देश ने विश्व को योग दिवस का संदेश दिया यदि हम ही उस पर ध्यान नहीं देंगे तो हम उसके लाभ से वंचित रह जाएंगे। जीवन में ऊंचाई पर वही व्यक्ति पहुंचता है जो प्रतिशोध में ना जाकर परिवर्तन की खोज में रहता है। वे बोले, भगवान से जुड़ने का एक रास्ता प्रेम का है तो दूसरा प्रार्थना का। प्रेम में सेवा, धर्म, पुण्य, जीवदया है तो प्रार्थना में ध्यान, पूजा, व्रत और तप आता है। मुंबई के कलाकार रवि त्रिवेदी ने संगीतमय भजन व बच्चों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन मयंक एन सोलंकी ने किया।     घोषणा ; 2026 की गुरु पूर्णिमा चेन्नई व 2027 को जोधपुर में.. सावन महोत्सव कार्यक्रम में पूज्य सिद्धगुरुवर ने आगामी वर्ष 2026 के गुरु पूर्णिमा पर्व चेन्नई में तथा जोधपुर के गुरुभक्तों की श्रद्धा भक्तिमय विनती पर वर्ष 2027 की गुरु पूर्णिमा के महाकुंभ रुपी पर्व को जोधपुर में मनाने की आशीर्वादी आज्ञा भी प्रदान की। श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने कहा, वैश्विक स्तर पर यह महापर्व सभी भक्तों के सामूहिक सहयोग, समन्वय एवं मानव कल्याण के लिए महाकुंभ रुप में आयोजित होता है, जिसमें सभी की सामूहिक जिम्मेदारी एवं भागीदारी रहनी चाहिए। राष्ट्रीय चेयरमैन घनश्याम मोदी सहित समस्त जोधपुर की गुरुभक्तों की टीम ने इस घोषणा पर हर्ष के साथ प्रातः वंदनीय पूज्य सिद्धगुरुवर के प्रति कृतज्ञता पूर्वक आभार प्रकट किया।     मोदी मेरे हनुमान, सुपुत्रियां सरला व प्रभा का योगदान भी वर्णनीय.. परम गुरुभक्त एवं श्री ब्रह्मर्षि आश्रम के राष्ट्रीय चेयरमैन घनश्यामनाथ मोदी को श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने अपने धर्म के हनुमान एवं गौतम स्वामी बताते हुए कहा कि इनका देश के कोने-कोने में जाकर गुरु भक्ति का परिचय दिया जाना बेमिसाल एवं अनुकरणीय है। वहीं धर्म सुपुत्रियों के रुप में आश्रम की ग्लोबल चेयरपर्सन श्रीमती सरला बोथरा व अंतरराष्ट्रीय विंग की अध्यक्ष प्रभा भंडारी के देश और दुनिया में धर्म, संस्कृति, सनातन के साथ गुरुभक्ति के योगदान को भी विशेष वर्णनीय बताया। साथ ही सिद्धगुरु ने श्रीब्रह्मर्षि आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सांखला व समस्त क्रियाशील टीम के पदाधिकारियों के नामों का उच्चारण करते हुए सभी की कर्तव्यनिष्ठा की हृदय पूर्वक आशीर्वादी शुभकामनाओं के साथ प्रशंसा की।


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