आरआर नगर तेरापंथ सभा भवन में बाेले धारीवाल अनुशासन जीवन का सबसे आवश्यक गुण – Chhotikashi.com

आरआर नगर तेरापंथ सभा भवन में बाेले धारीवाल अनुशासन जीवन का सबसे आवश्यक गुण

    बेंगलूरु। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह 2025 के तहत सोमवार को यहां आरआर नगर तेरापंथ सभा भवन में अनुशासन दिवस मनाया गया। आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री पुण्ययशाजी आदि ठाणा के सानिध्य में ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन कर्नाटक के अध्यक्ष एवं अणुव्रत सलाहकार समिति के सदस्य गौतमचंद धारीवाल ने इस दौरान बतौर अतिथि अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अनुशासन जीवन का सबसे आवश्यक गुण है। यह एक ऐसी डोर है जो व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को एकता में बाँधती है। बिना अनुशासन के जीवन अव्यवस्थित और उद्देश्यहीन हो जाता है। अनुशासन हमें सही दिशा में चलना सिखाता है। अर्थात किसी नियम, आदेश या व्यवस्था का पालन करना। धारीवाल ने कहा कि सरल शब्दों में, अनुशासन का अर्थ है, अपने व्यवहार, समय, और कार्यों को नियमों के अनुसार नियंत्रित रखना। वे बोले कि अनुशासित व्यक्ति अपने समय का सदुपयोग करते है, जिससे उन्हें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। अनुशासित व्यक्ति सबका आदर करता है व बदले में सबका सम्मान पाता है। अनुशासन से व्यक्ति अपने कार्य समय पर और सही ढंग से करता है। उन्होंने बताया कि अनुशासन से मन स्थिर रहता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। जब नागरिक अनुशासित होते हैं, तो देश में शांति और विकास स्वतः होता है। अनुशासन हमारे जीवन की रीढ़ है। यह हमें सही और गलत का भेद समझाता है। बिना अनुशासन के व्यक्ति अपनी सीमाएँ भूल जाता है, जिससे अव्यवस्था और अशांति फैलती है। विद्यालयों, घरों, और कार्यस्थलों पर अनुशासन का पालन करने से वातावरण सुखद और व्यवस्थित बना रहता है। जैसे सैनिकों का जीवन पूरी तरह अनुशासित होता है, तभी वे देश की रक्षा कर पाते हैं। विद्यार्थी अनुशासित हो तो वह पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करता है। इस दौरान अध्यक्ष ललित बाबेल, मंत्री लाभेश कांसवा, उपाध्यक्ष चंद्रशेखरया, सह मंत्री सुरेश चावत, सूरजमल पितलिया, कविता जैन, कन्हैया लाल चिपड़, कौशल लोढ़ा, विपन पितलिया, सुरेश दक, विकाश जैन, रुपचंद देसरला, कमलसिंह दुग्गड़ आदि मौजूद रहे।


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