लंदन स्थित श्री स्वामीनारायण संस्था को ‘सूर्यदत्ता’ की ओर से ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ प्रदान – Chhotikashi.com

लंदन स्थित श्री स्वामीनारायण संस्था को ‘सूर्यदत्ता’ की ओर से ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ प्रदान

          वैश्विक सौहार्द और सामाजिक परिवर्तन में भारतीय संस्कृति एवं मूल्य महत्वपूर्ण : प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया         पुणे। भारतीय संस्कृति में निहित आध्यात्मिकता और वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा का अद्भुत संगम लंदन में देखने को मिला। सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, पुणे की ओर से लंदन स्थित बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर के पूज्य प्रभुद्धमुनि स्वामीजी एवं पूज्य योगविवेक स्वामीजी का विशेष सम्मान किया गया। यह सम्मान ‘सूर्यदत्ता’ के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया के हस्ते प्रदान किया गया। इस अवसर पर ‘सूर्यदत्ता’ की उपाध्यक्ष एवं सचिव श्रीमती सुषमा चोरडिया उपस्थित थी। ‘सूर्यदत्ता’ के यूके दौरे का उद्देश्य लंदन, बर्मिंघम और लेस्टर स्थित प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक सहयोग स्थापित करना था। इसी क्रम में संपन्न हुआ यह सम्मान समारोह शिक्षा, संस्कार और आध्यात्म का अद्वितीय समन्वय सिद्ध हुआ। बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय कला, वास्तुकला, सेवा और श्रद्धा का उत्कृष्ट प्रतीक है। यह यूरोप का पहला पत्थर से निर्मित हिंदू मंदिर है, जो प्राचीन वैदिक वास्तुशास्त्र के अनुसार बिना स्टील के निर्मित किया गया है। भारतीय संस्कृति के गौरव को विश्व स्तर पर ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाली यह एक अनोखी रचना है। समाजहित में बीएपीएस संस्था द्वारा किए गए सेवा और मूल्यप्रसार के कार्यों की सराहना स्वरूप सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की ओर से उन्हें ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ प्रदान किया गया। पूज्य प्रभुद्धमुनि स्वामीजी और पूज्य योगविवेक स्वामीजी ने यह सम्मान स्वीकार करते हुए कहा कि शिक्षा और अध्यात्म के माध्यम से वैश्विक समाज के उत्थान के लिए मिलकर कार्य करना ही हमारा ध्येय है। प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की शक्ति प्रदान करने वाली प्रक्रिया है। अध्यात्म मन और आत्मा को शांति प्रदान करता है। जब शिक्षा और अध्यात्म का संगम होता है, तब व्यक्ति का निर्माण होता है, समाज समृद्ध होता है और राष्ट्र प्रगति करता है। सूर्यदत्ता और बीएपीएस का यह सेतु भारतीय संस्कृति और मूल्यों को सशक्त बनाते हुए वैश्विक सौहार्द एवं सामाजिक परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा प्रदान करेगा। यह सार्थक भेंट शिक्षा, अध्यात्म और वैश्विक नागरिकता का संगम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगी।


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