विद्वान, ज्योतिषाचार्य, भागवताचार्य, प्रखर पंडितों का मंथन : बीकानेर सहित पूरे देश में लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ – Chhotikashi.com

विद्वान, ज्योतिषाचार्य, भागवताचार्य, प्रखर पंडितों का मंथन : बीकानेर सहित पूरे देश में लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ

बीकानेर। पिछली बार की तरह इस बार भी पूरे देश में दीपावली महापर्व को लेकर आमजन असमंजस में है। इसी असमंजस को दूर करने के लिए बीकानेर शहर के विद्वान, ज्योतिषाचार्य, भागवताचार्य, प्रखर पंडितों ने मंथन कर बीकानेर सहित पूरे देश में लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ बताया है। मंगलवार को रत्तानी व्यासों की बगेची में पत्रकार सम्मेलन में विद्वानाें ने पत्रकाराें के समक्ष शास्त्रोक्त प्रमाण रखते हुए 21 अक्टूबर को ही दीपावली पर्व मनाने को शास्त्र सम्मत बताया। भागवताचार्य पंडित महेंद्र व्यास ने पंचांग और गर्न्थो के श्लोकों का हवाला देते हुए बताया कि धर्मसिंधु खेमराज श्रीकृष्ण दास के पेज नं.177 और धर्मसिंधु चौखम्बा प्रकाशन वाराणसी के पेज न. 215/216 के अनुसार अगर केवल पहले दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनि हो और दूसरे दिन अमावस्या तीन पहर से ज्यादा और अमावस्या के मान के समय से प्रतिपदा के समय का मान अधिक हो तो दीपावली दूसरे दिन ही मनाई जाएगी। जिसका सश्लोक भी प्रेसित किया गया है। उन्हाेंने कहा कि अगर प्रथम दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनि हो और दूसरे दिन अमावस्या तीन प्रहर से ज्यादा हो और अमावस्या से ज्यादा प्रतिपदा के मान का समय ज्यादा हो तो दीपावली दूसरे दिन ही मनाई जानी चाहिए यानि प्रतिपदा एकम वृद्धिगामिनी हो तो ही यह शर्त लागू होती है तो दूसरे दिन लक्ष्मीपूजा करे | इन शास्त्र के आधार पर यह निर्णय उत्तम ओर शुद्ध है। ज्योतिषाचार्य पंडित भगवान दास व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग एवं शास्त्रों के अनुसार, दिवाली (दीपावली) पर्व का उत्सव कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 2025 में, ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर 21 अक्टूबर को साढ़े तीन प्रहर से अधिक अमावस्या रहने से उस दिन अमावस्या ही मानी जाएगी जो उत्तम है। इसलिए 21 अक्टूबर को मनाया जाना शास्त्रोक्त रूप से उचित एवं अनुमोदित है। यह निर्णय सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए एकसमान है, जिसमें राजस्थान के बीकानेर जिले सहित सभी क्षेत्र शामिल हैं। पंडित नितेश व्यास (एस्ट्रो भा) ने कहा कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार 21 को अमावस्या प्रतिपदा युक्त व्रद्धि गामी औरप्रदोष काल (संध्या समय) व्याप्त है और लक्ष्मी पूजन का विधान अमावस्या पर ही होता है, जो 21 अक्टूबर को पूर्णतः उपलब्ध रहेगा। विद्वानों ने धर्मग्रंथों और ज्योतिषीय ग्रंथों ऋषि वचनों और संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से शास्त्रीय प्रमाण भी रखे। पत्रकार वार्ता में विद्वानों ने कहा कि देश के अधिकतर पंचांगों में भी 21 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाने के मुहूर्त दिए गए हैं। इसलिए उसी दिन लक्ष्मी पूजन करना उत्तम है। ज्योतिषाचार्य भागवताचार्य पंडित महेंद्र व्यास, पंडित भगवान दास व्यास, पंडित नितेश व्यास, पंडित श्रवण व्यास, पंडित सुशील व्यास, पंडित भाई श्री व्यास, पंडित महेंद्र व्यास, महाराज पंडित कुंज बिहारी व्यास, पंडित संजय कृष्ण भारद्वाज, पंडित सुशील व्यास, सुरेंद्र व्यासअरुण, संजय, अविनाश, आशाराम व्यास, अभय आदि ने भी अपने विचार रखे और सभी को 21 अक्टूबर की दिपावली मनाने का सन्देश दिया।


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