बीकानेर। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वीश्री दीपमाला, शंखनिधि श्रीजी के सान्निध्य में रविवार को शिव वैली के कला मंदिर परिसर में श्री महालक्ष्मी पूजन विधि विधान से भक्ति गीतों व मंत्रों के जाप के साथ किया गया। पूजन में 151 जोड़ों ने श्रद्धा, भक्ति के साथ हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई की ओर से प्रकाशित पंचांग का विमोचन किया गया तथा महालक्ष्मी पूजन में सहभागिता निभाने वालों का अभिनंदन किया गया।
खरतरगच्छ युवा परिषद की स्थानीय इकाई अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद, महिला परिषद की बीकानेर इकाई, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व ज्ञान वाटिका के संयुक्त तत्वावधान हुए पूजन के लाभार्थी हुलासी देवी, पुखराज, ललित, नरेन्द्र व वीरेन्द्र पुगलिया के सदस्यों का अभिनंदन किया गया। पूजा में हिस्सा लेने वाले श्रावक-श्राविकाओं को पूजन की सामग्री में महालक्ष्मी का ’’ऊ ह्ी श्री अर्हम नम’’ व ऊं हृीं श्रीं कमले प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मी देव्ये नमः‘ मंत्र अंकित गज लक्ष्मी का चित्र, प्रतिमा, यंत्र, वासक्षेप व रक्षासूत्र आदि सामग्री भेंट की गई।
पूजन के दौरान गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा., बाल मुनि मीत प्रभ सागर, वरिष्ठ गायक मगन कोचर व सुनील पारख ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए। वहीं सिरोही के विधिकारक प्रकाश गुरु ने विधि विधान से पूजन करवाया गया । जल, चंदन, फल,फूल,धूप,अक्षत, दीप व नवैद्य आदि पूजन के दौरान राग दीपक, मालकोष आदि में भक्ति गीत गाए गए तथा सामूहिक मंत्रों का जाप करवाया गया।
प्रवचन-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने पूजन के दौरान प्रवचन में कहा कि सुख, सम्पति, धन, वैभव व समृद्धि तथा शक्ति पुण्य का परिणाम है। पुण्य बिना आया हुआ धन भी नहीं टिकता। जिन शासन ने यथा शक्ति के अनुसार सभी कार्य करने का संदेश दिया है। शक्ति को पहचान कर धर्म व शासन तथा प्राणी मात्र के कल्याण के लिए कार्य करें। नीति से धनोर्पाजन कर धन शक्ति का सदुपयोग करें।