मारवाड़ी सम्मेलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कानपुर में संपन्न..
मारवाड़ी का मतलब शौर्य, सेवा और विश्वसनीयता' : डॉ सुभाष अग्रवाल
कानपुर। मारवाड़ी का मतलब है शौर्य, मारवाड़ी का मतलब है समाज की सेवा, मारवाड़ी का मतलब है अपने घर से कटौती कर दूसरे की सेवा करना, मारवाड़ी का मतलब है विश्वसनीयता, जिसे बरकरार रखना है। उक्त विचार कर्नाटक प्रदेश मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सुभाष अग्रवाल ने व्यक्त किए। वे यहां अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में बोल रहे थे। बैठक का आयोजन उत्तर प्रदेश प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के आतिथ्य में कानपुर स्थित श्री महाराजा अग्रसेन भवन में किया गया था।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया ने कहा कि मारवाड़ी समाज की पहचान सेवा भावी के रूप में आदि काल से रही है। आज भी पूरे देश में मारवाड़ियों द्वारा भारी पैमाने पर सेवा कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज की जो भी संस्थाएं सेवा कार्य करती हैं, उन्हें अपने बैनर में नीचे 'मारवाड़ी समाज की एक संस्था' अवश्य लिखना चाहिए, ताकि हमारे द्वारा की जा रही सेवा की जानकारी अन्य समाज के लोगों तक भी पहुंचे।
राष्ट्रीय महामंत्री संजय हरलालका ने बैठक की शुरुआत करते हुए विगत कार्यकलापों की जानकारी सबके समक्ष रखते हुए सामाजिक संगठनों में कार्यकर्ताओं की अवहेलना का मुद्दा उठाया तथा इस पर चिन्ता जाहिर की।
निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सराफ ने कहा कि सम्मेलन पूरे भारत में विशाल रूप ले चुका है। भारतवर्ष में कुल 700 जिले हैं इनमें से हमें कम से कम 300 जिलों में अपनी पहुंच बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज सुधार के साथ-साथ हमें सेवा के क्षेत्र में भी कार्य करना होगा, जैसे लायंस क्लब ने रोटरी क्लब ने पोलियो रोग को दूर करने के क्षेत्र में काम किया है। कार्यक्रम में अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया का सम्मान भी कर्नाटक प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. सुभाष अग्रवाल ने किया।