विश्वस्तरीय पुनर्विकास होगा गांधीनगर जयपुर स्टेशन का
CK NEWS CHHOTIKASHI जयपुर, 20 अप्रैल। रेलवे प्रशासन द्वारा गांधीनगर जयपुर स्टेशन का विश्वस्तरीय विकास किया जा रहा है। इसके लिए 177.45 करोड़ रुपये का कार्य अवार्ड किया गया है एवं कार्य युद्ध स्तर पर प्रगति पर है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। वर्तमान गांधीनगर स्टेशन पर दो नई बिल्डिंग का निर्माण प्रस्तावित है। सामने की ओर की मुख्य इमारत जी 2 बिल्डिंग बनाई जायेगी। मुख्य प्रवेश स्टेशन भवन में डिपार्चर लॉबी, वेस्टिबुल, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच क्षेत्र, हेल्प डेस्क क्षेत्र, प्रस्थान हॉल, शौचालय, आरपीएफ कक्ष और हेड टीसी कक्ष जैसी विभिन्न सुविधाएं होंगी। प्लेटफार्म 1 पर अनारक्षित प्रतीक्षालय, एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, खुदरा स्टालें, शौचालय, शिशु आहार कक्ष और प्लेटफार्म संख्या एक पर आने वाले यात्रियों के लिए आगमन कक्ष होगा। इस भवन का मेजेनाइन फर्श बनाया जायेगा। भूमि तल पर विभिन्न रेलवे कार्यालय एवं दूसरी मंजिल पर एक्सेस कंट्रोल, मेटल डिटेक्टर सिस्टम, बैगेज स्कैनर सिस्टम, अतिरिक्त प्रतीक्षा कक्ष, रिटेल स्टॉल, मॉड्यूलर शौचालय, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि होंगे। पहली मंजिल तक आसान पहुंच के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट एवं सीढ़ियां बनाई जाएंगी। स्टेशन के दूसरे प्रवेश की इमारत जी एक की होगी जिसमें टिकट काउंटरों के साथ हॉल, बुकिंग कार्यालय, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच, प्रस्थान हॉल आदि होंगे तथा अन्दर प्लेटफॉर्म नंबर दो पर अनारक्षित प्रतीक्षा हॉल, शौचालय, बेबी केयर रूम, आरपीएफ थाना, आगमन हॉल, कुली रूम कक्ष होंगे। मुख्य प्रवेश द्वार पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त दो मंजिला भूमिगत बेसमेंट उपलब्ध कराया जाएगा। मौजूदा फुट ओवर ब्रिज को नई वास्तु कला थीम के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा। पुनर्विकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर एक एयर कॉनकोर्स प्रस्तावित है, जो दोनों इमारतों को प्लेटफार्मों के ऊपर से जोड़ते हुए बनाया जायेगा। एयर कॉनकोर्स 72 मीटर लंबाई में कुल 2697 वर्ग मीटर में क्षेत्र में बनाया जाएगा। एयर कॉनकोर्स बनाने का उद्देश्य ट्रेन में चढ़ने वाले यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया, लिफ्टों और सीढ़ियों की सहायता से यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करना और स्टेशन के भीतरी भाग का विशेष दृश्य प्रदान करना है। दोनों प्लेटफार्मों पर छत के माध्यम से एयर कॉनकोर्स को कवर किया जाएगा। यात्रियों को इसके माध्यम से हवेली जैसा एहसास देने के लिए स्टेशन के प्लेटफार्मों पर ट्रिपल हाइट पिच रूफ का प्रस्ताव है। गांधीनगर-जयपुर स्टेशन का संपूर्ण पुनर्विकास गुलाबी शहर की समृद्ध विरासत को विभिन्न स्थापत्य तत्वों और विशेषताओं जैसे जाली कार्य, मेहराब, गुंबद, छतरी, झरोखा, बारादरी, मेहराब, अलंकरण, पत्थर का काम, पत्थर का आवरण, आदि के माध्यम से किया जाएगा। पूरी परियोजना में निर्माण के साथ-साथ संचालन और रखरखाव के दौरान ऊर्जा खपत में कमी के लिए सुविधाओं के साथ ग्रीन बिल्डिंग सुविधाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी। कैप्टन शशि किरण ने यह भी बताया कि विकास का कार्य अक्टूबर 2022 में प्रारंभ किया जा चुका है। वर्तमान में स्टेशन पर स्थित रेल क्वार्टर्स, वेटिंग हॉल, आरपीएफ थाना आदि को गिरा कर भूमि समतल कर दी गई है। टीआरडी पोर्टल (रेलगाड़ियों के बिजली के खंबे) शिफ्ट कर दिए गए हैं। स्टेशन पर एलटी पैनल रूम एवं आप्टिकल फाइबर केबल रूम चालू कर दिए गए हैं। बेसमेंट की खुदाई एवं डायफ्राम दीवार का कार्य चल रहा है। इलेक्ट्रिक विभाग के सीएसएस बिल्डिंग का कार्य चालू है जिसे शीघ्र पूरा कर दिया जाएगा। स्टेशन पर द्वितीय प्रवेश द्वार के बिल्डिंग के नींव का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। काम युद्ध स्तर पर पूर्ण तीव्रता से चालू है। यह कार्य सितम्बर, 2025 में पूरा कर लिया जाएगा।