साधु वासवानी मिशन में चेटीचंद उत्सव हर्षोल्लास से मनाया : झुलेलालजी की जन्म, जीवन गाथा व नाटिका की हुई प्रस्तुति
पुणे। सिंधी समाज बंधुओं का नया साल कहलाए जाने वाले चेटीचंद उत्सव को साधु वासवानी मिशन की तरफ से बड़े उत्साहपूर्वक माहौल में मनाया गया। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध इस उत्सव में अनेक अतिथिवृंद इस अवसर पर उपस्थित रहे। सभी का स्वागत करते हुए गुलाबजल छिड़ककर महोत्सव की शुरूआत की गई। साधु वासवानी मिशन का परिसर रोशनी से झगमग था। प्रवेशद्वार पर भगवान झुलेलालजी की एक सुंदर मूर्ति स्थापित की गई।
भगवान संतश्री झुलेलाल जी की पारंपरिक आरती ने यहां के आध्यात्मिक माहौल को और अधिक सुखद बना दिया। श्रीझूलेलालजी सिंधी समुदाय के संत हैं। संतश्री झूलेलालजी महाराज को विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच एकता, सहिष्णुता और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है। उल्लेखनीय है कि चेटीचंद उत्सव के दौरान झुलेलालजी की जन्मतिथि और जीवन गाथा मनाई जाती है।
उत्सव के दौरान, समुदाय के सदस्यों ने प्रसिद्ध गायिका सीमा रामचंदानी और दृशिका आडवानी द्वारा प्रस्तुत सिंधी लोक गीतों द्वारा आनंद लिया।
सिंधी सखियुंन ग्लोबल नेटवर्क (एसएसजीएन) समूह ने आकर्षक नाटिका प्रस्तुत की। जिसमें भगवान संतश्री झूलेलालजी विभिन्न रूपों में अवतार से लेकर समाज को ज्ञान प्रदान करते हैं, पर एक प्रस्तुती दी गई।
इस उत्सव के अवसर पर पूज्य दादा वासवानीजी का "नव वर्ष का महत्व" विषय पर रेकाॅर्डेड भाषण प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम में साधु वासवानी मिशन की प्रमुख दीदी कृष्णाकुमारीजी ने मार्गदर्शन किया कि आने वाला प्रत्येक दिन हमें ईश्वर द्वारा दिया गया एक उपहार है। हमें हर पल का सम्मान करना चाहिए। अपने व्यक्तिगत विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रतिदिन स्वयं को प्रेरित करें। इस दौरान सहभागी साधकों द्वारा कार्यक्रम को खूब सराहा गया। पहली बार इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों ने साधु वासवानी मिशन के शांत, उत्साहवर्धक और सुखद माहौल के लिए प्रशंसा व्यक्त की।