14 जुलाई से गौरक्ष धोरे पर होगा श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, संतों का होगा समागम
बीकानेर। श्रीमद्भागवत कथा हमें मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दर्शाता है। भगवान श्रीकृष्ण के अमृत वचनों और उनकी लीलाओं में जीवन की हर समस्याओं का समाधान और सफलता का रहस्य छुपा हुआ है। यह उद्गार श्रीनखत बन्ना मंदिर, गौरक्ष धोरा के पीठाधीश्वर योगी रामनाथजी महाराज ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। योगी रामनाथजी महाराज ने बताया कि श्री 1008 योगी गुरुदेव मनफूलनाथजी महाराज की कृपा से 14 जुलाई 2024 से 20 जुलाई 2024 तक गौरक्ष धोरा स्थित श्री नखत बन्ना मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। महाराजश्री ने बताया कि कथा वाचक राकेश भाई पारीक द्वारा सुबह 10:30 से सायं 5 बजे तक कथा का वाचन किया जाएगा। आयोजन से जुड़े प्रवीण भाटी ने बताया कि राकेश भाई पारीक इससे पूर्व में भी यहां कथा वाचन कर चुके हैं तथा लगभग 17 वर्षों में हरिद्वार के रामतीर्थजी महाराज, शिव सत्यनाथजी महाराज, प्रहलादनाथजी महाराज आदि ने कथा का वाचन किया है। कथा के दौरान द्वादशी को संतों का समागम भी होगा जिसमें अनेक क्षेत्रों के संत-महात्मा शामिल होंगे। कथा में श्रद्धालुओं के लिए 10 रुटों से बसें संचालित की गई है जिनमें किलचु, कानासर, सागर, सिंजगुरु, कुम्हारों की धर्मशाला लालगढ़, भोलासर, खारी, गोपेश्वर बस्ती, कुम्हारों का मोहल्ला आदि रुट से बसें रवाना होंगी। प्रेसवार्ता के दौरान योगी रामनाथजी महाराज, कथा वाचक राकेश भाई पारीक, योगी राजूनाथजी महाराज कोठारी कोलायत, प्रवीण भाटी, रामलाल लखेसर, भंवरलाल पंचारिया, कमल प्रजापत आदि ने पोस्टर का विमोचन किया।
बचपन में ही नखत बन्ना की शरण में आ गए थे योगी रामनाथजी
गौरक्ष धोरा श्री नखत बन्ना मंदिर से जुड़े प्रवीण भाटी ने बताया कि योगी रामनाथजी महाराज को बचपन में ही श्री नखत बन्ना की कृपा से जीवनदान मिला था। इसी वजह से घर-संसार त्याग कर वे प्रभु भक्ति में लीन हो गए। ब्रह्मचर्य के साथ ही जोधपुर के स्वाप स्थित नाथ सम्प्रदाय के ब्रह्मलीन संत मनफूलनाथजी महाराज से दीक्षा लेकर तप-ध्यान के मार्ग पर चले। 35 वर्ष पूर्व गौरक्ष धोरा पर श्री नखत बन्ना के मंदिर का निर्माण करवाया और आज हजारों भक्त धोरे के अनुयायी हैं। प्रवीण भाटी ने बताया कि धोरे पर हर महीने की चाँदनी पंचमी को जागरण का आयोजन किया जाता है। गौसेवा के साथ ही पर्यावरण व हर धार्मिक आयोजन में योगी रामनाथजी महाराज व मंदिर समिति की सक्रिय सहभागिता रहती है।