दान दिल से व प्रार्थना श्रद्धा से हो : राष्ट्रसंत श्री वसंत विजय जी महाराज – Chhotikashi.com

दान दिल से व प्रार्थना श्रद्धा से हो : राष्ट्रसंत श्री वसंत विजय जी महाराज

      कृष्णगिरी में मां पद्मावतीजी की रमक झमक भक्ति गूंज रही चहूंओर     अष्टमी तिथि पर आज दुख निवारण के 6 कवचों का गुरु श्रीमुख से होगा वाचन     कृष्णगिरी। व्यक्ति के सांसारिक जीवन के कष्टों को हरने व आनंदमय कल्याणी जीवन के लिए भारत की दिव्यतम नवरात्रि पतित पावन श्रीकृष्णगिरी तीर्थ धाम में शक्ति महोत्सव के रूप में भक्ति को प्रबल कर रही है। शक्ति पीठाधीपति, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेव श्री वसंत विजय जी महाराज के मुख्य सान्निध्य में वैश्विक स्तर पर सामूहिक रूप से एकत्रित हुए हजारों श्रद्धालु भक्तों की रमक झमक चहुंओर गूंजायमान होती दिख रही है। बुधवार सप्तमी तिथि पर देवी मां कालरात्रि का गुणगान करते हुए पूज्य श्री वसंत विजय जी ने श्रद्धालुओं को बताया कि काले रंग और बिखरे बालों के साथ गले में चमकदार बिजली रुपी मुंडमाला धारण किए अंधकार का प्रतिनिधित्व कर जगत को प्रकाशित करने वाली कालरात्रि बुरी शक्तियों का नाश कर अपने भक्तों की रक्षा करती है। उन्होंने बताया कि पाप क्षयकारिणी भी इसका नाम है, जिसके नाम सुनने मात्र से कल्याण हो जाता है। सिद्ध साधक संतश्री ने कहा कि कालरात्रि 10 दिनों में सबसे भयंकर उग्र देवी, शत्रु के लिए काल बनने वाली महामाता है। इस दौरान मंत्र शिरोमणि पूज्य गुरुदेवश्री ने चंडिका हृदय स्तोत्र से कालरात्रि देवी के विशेष दुर्लभ मंत्र का वाचन कर उपस्थित श्रद्धालुओं श्रोताओं को आशीर्वाद लाभ प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने एक सच्ची घटना प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि व्यक्ति को किसी भी सकारात्मक उद्देश्यपरक कार्यों के लिए खुले दिल से अपनी क्षमता के अनुसार दान करना ही चाहिए। साथ ही परमात्मा की प्रार्थना, भक्ति यदि हो तो उसमें श्रद्धा का होना बेहद आवश्यक है। सिद्धांतवादी बनने की सीख देते हुए पूज्य गुरुदेव ने यह भी कहा कि मां, गुरु, संतों व शास्त्रों के प्रति श्रद्धा व विधि विधानों पर निष्ठा होनी चाहिए। त्वमेव माता च पिता त्वमेव... स्तुति का उल्लेख करते हुए श्री वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि जगत जननी सबसे बड़ी है। मां ही सर्वप्रथम पूजनीय है। विषय प्रवर्तन करते हुए वैश्विक स्तर पर चल रहे हिंसक घटनाओं का जिक्र किया व कहा कि धर्म की वृद्धि हिंसा से नहीं हो सकती। व्यक्ति में भक्ति की शक्ति को धर्म के लिए लगाकर मनुष्य जीवन को सार्थक करना चाहिए। अष्टमी तिथि अर्थात गुरुवार को दुख निवारण दिन बताते हुए श्री वसंत विजय जी महाराज ने बताया कि मंत्रों के कवच हर प्रकार की रक्षा करते हैं। गुरु मुख से छह प्रकार के विभिन्न शत्रु नाश व सौभाग्य बढ़ाने वाले कवच गुरुवार को अपने श्रीमुख से सुनाकर श्रद्धालुओं को लाभांवित करेंगे। जिसका सीधा प्रसारण प्रतिदिन की भांति शाम 3बजे से संस्कार चैनल व थॉट योग यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित होगा। डॉ संकेश छाजेड़ ने बताया कि इस भव्यतम नवरात्रि के शक्ति महोत्सव में लगातार सातवें दिन भी सैकड़ो किलो केशरयुक्त दूध से मां पद्मावतीजी का अभिषेक हजारों श्रद्धालुओं ने अपने कर कमलों से किया, वहीं साधना कक्ष में पूज्य गुरुदेव द्वारा दिए गए मंत्र का वृहद स्तर पर जाप–अनुष्ठान किया। इसके बाद स्वर्ग तुल्य बने पंडाल में दोपहर में श्रीमद् देवी भागवत कथा श्रवण के पुण्य अर्जन के साथ सभी श्रद्धालु भक्त शाम को हवन यज्ञ में तन्मयता से भाग लेकर सामूहिक आरती का भी अति दिव्य लाभ ले रहे हैं। सेवाभावी गुरु भक्तों की टीम स्पिरिट.. कार्यक्रम में सेवाभावी कार्यकर्ताओं के रूप में देश के विभिन्न स्थानों से आए गुरु भक्त एकजुट टीमवर्क स्पिरिट के रूप में पंजीयन, अभिषेक, भोजनशाला, हवन यज्ञ सहित विभिन्न व्यवस्थाओं में तीर्थ धाम में अपना निस्वार्थ सहयोग प्रदान कर रहे हैं। श्री वसंत विजय गुरुदेव भक्त मंडल कृष्णगिरी की सैकड़ों पुरुषों महिलाओं की सामूहिक सेवा अल सुबह 5 बजे से प्रारंभ होकर देर रात्रि तक सुचारू रूप से जारी रहती है।


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