कृष्णगिरी से सद्गुण, व्यसनमुक्ति एवं संस्कार लेकर जाएं : शक्तिपीठाधीपति श्री वसंत विजय जी महाराज
"कृष्णगिरी वाली कैसा जादू किया कैसे बतलाऊं मैया क्या-क्या दिया..."
पाताललोक की रानी, जगत जननी देवी मां पद्मावतीजी को अर्पित किए 1081 प्रकार के व्यंजन प्रसाद भोग
कृष्णगिरी। तमिलनाडु प्रांत में विश्व स्तरीय पतित पावन श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम के पीठाधीपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर पूज्य गुरुदेव श्री वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि नवरात्रि पर्व पर सद्गुण, संस्कार एवं व्यसन मुक्ति अपनाकर समाज में अपना वर्चस्व कायम करें। उन्होंने कहा भारत की दिव्यतम नवरात्रि कृष्णगिरी शक्ति महोत्सव से मां का मंगलमय आशीर्वाद, कृपा सभी को प्राप्त होगी। वे बोले कि हर व्यक्ति की नवरात्रि तभी सार्थक होगी जब वह अपनी भाषा, शैली, व्यवहार में सुधार लायेंगे, जिसमें प्रमुखता से माता एवं बहन के नाम से अथवा किसी भी प्रकार से गाली का उच्चारण अपने मुंह से नहीं करें। पूज्य गुरुदेव श्रीजी ने जोर देकर कहा कि दृढ़ता से मां का आशीर्वाद पाना है तो गाली, व्यसन, नशा, क्रोध एवं मांसाहार का त्याग करना होगा। इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने हाथ उठाकर एवं पूज्य श्री के समक्ष शीश नवाकर इस बाबत शपथ भी ली। दस दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा वाचन के विराम से पूर्व राष्ट्रसंत वसंत विजय जी महाराज ने शनिवार को कहा कि अवसर ही इंसान को इंसान, शैतान अथवा महान बनाता है। उन्होंने सभी श्रद्धालु भक्तों से आगामी दीपोत्सव पर्व पर किसी न किसी एक जरूरतमंद को क्षमतानुसार कुछ न कुछ सहयोग करने की प्रेरणादाई सीख भी दी। परमात्मा की भक्ति में अथवा प्राणी मात्र के प्रतिदया भाव रखते हुए स्वार्थ छोड़कर समर्पण भाव सर्वस्व न्योछावर करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सत्संग में आकर जीने का तरीका आ जाए, तभी व्यक्ति का मंदिरों, तीर्थ स्थलों अथवा संतों महापुरुषों के समक्ष सत्संग प्रवचन में शामिल होना सही मायने में सर्वोत्तम सार्थक होगा। ऐसे में बतौर भक्त उस व्यक्ति को तन, मन, धन से समृद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता। तीर्थधाम में पूज्य श्री की निश्रा में हर वर्ष की भांति पर्व विशेष अवसर पर देवी मां पद्मावतीजी को वृहद स्तर पर 1081 प्रकार के विविध व्यंजन भोग प्रसाद अर्पण किए गए। दौराने कार्यक्रम पूज्य गुरुदेव श्री वसंत विजय जी महाराज ने भर दे झोली मेरी ओ मैया लौटकर अब न जाऊंगा खाली.., मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता.., कृष्णगिरी वाली कैसा जादू किया कैसे बतलाऊं मैया क्या-क्या दिया.., यह रिश्ता पुराना मां हमारा तुम्हारा जमाना दीवाना हमारा तुम्हारा.. सरीखे अनेक संगीतमय सुरीले भजन तालियों की गूंज एवं श्रद्धालु पुरुषों के झूमने साथ भक्ति कराई। नवरात्रि पर्व के मद्देनजर शक्ति महोत्सव में मां दुर्गा के 21 रूपों में विराजित पद्मावतीजी के विविध रूपों के साथ नवदुर्गा की महिमा लीलाओं के साथ ही पूजा विधि विधान एवं अनेक चमत्कारी प्रसंगों का उल्लेख भी किया। डॉ संकेश छाजेड़ ने बताया कि देवी मां पद्मावती का अभिषेक जाप अनुष्ठान व शाम को हवन, यज्ञ में आहुतियां के साथ महापुराण की महापूर्णाहूति संपन्न हुई। सभी भक्तों को पूज्यश्री द्वारा अभिमंत्रित श्रीयंत्र भी भेंट किए गए। उन्होंने बताया कि पूज्य गुरुदेव ने आगामी भैरव अष्टमी कार्यक्रम महाराष्ट्र के लातूर में सौभाग्य प्रदायक एवं नववर्ष की मांगलिक यज्ञ अनुष्ठान पूजा श्री कृष्णगिरी तीर्थ धाम में तथा 15 जनवरी से 9 दिवसीय अनुष्ठान नेपाल में करने की विधिवत्त घोषणा की। इस मौके पर कृष्णगिरी के सेवाभावी चिकित्सक डॉक्टर रवि कुमार, नेपाल के लूमेनी क्षेत्र से डिप्टी मेयर श्रीमती तारा संतराम चौधरी एवं लातूर से दिग्विजय प्रकाश पाटिल का सत्कार किया गया। इनमें सागरमल जैन, डॉ संकेश ,रितेश नाहर व गुरु मां ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में मुंबई से ज्योतिषचार्य संतश्री वज्रतिलकजी भी मौजूद रहे।