अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी-विकसित भारत@2047 शैक्षणिक महाकुंभ में देश-विदेश से आए शिक्षाविद देंगे पत्रवाचन
बीकानेर। भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद का वार्षिक अधिवेशन एवं अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी-विकसित भारत@2047 का आयोजन महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर में 17 से 19 अक्टूबर तक किया जाएगा। जिसमें देश-विदेश से करीब 1500 प्रतिभागी भाग लेंगे। अभी तक 1200 से अधिक का रजिस्ट्रेशन भी हाे चुका है। कार्यक्रम भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद एवं महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर (एमजीएसयू) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा।
यह जानकारी बुधवार काे प्रेस कांफ्रेंस में कुलपति आचार्य मनाेज दीक्षित ने मीडिया काे दी। उन्हाेंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात शैक्षिक उन्नयन हेतु यह आयोजन अब तक के सबसे बड़े शैक्षणिक आयोजन की श्रेणी में शामिल होगा। विश्वविद्यालय कुलपति दीक्षित ने यह भी बताया कि भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद के आग्रह पर विश्वविद्यालय द्वारा उपरोक्त आयोजन पर अपनी सहमति प्रदान की गई थी। प्रोफेसर दीक्षित ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 17 अक्टूबर 2024 को आयोजन के दौरान एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में आयोजित होगा। जिसमें विषय विशेषज्ञ लोग प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे। उक्त प्रतिभागी उपरोक्त विषय के संदर्भ में देश-विदेश में विषय पर अपनी बात रखेंगे।
विश्वविद्यालय कुलसचिव हरि सिंह मीणा ने बताया कि आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियां की गई है प्रतिभागियों को ठहरने, भोजन, आवागमन एवं विभिन्न तकनीकी सत्रों के लिए अलग-अलग कमेटीया बनाई गई है।
विवि के वित्त नियंत्रक अरविंद सिंह बिश्नाेई ने बताया कि एक स्मारिका मरुगंगा का प्रकाशन भी हाेगा। भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद के महासचिव एवं पूर्व कुलपति डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद द्वारा शिक्षाविदों द्वारा प्रेषित किए गए विचारों को संकलित करते हुए विशेष जनरल का प्रकाशन भी किया जाएगा।
विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी एवं अतिरिक्त कुल सचिव डॉ विठ्ठल बिस्सा ने बताया कि प्रतिभागियों को बीकानेर की कला एवं संस्कृति से अवगत कराने के लिए स्थानीय कलाकारों द्वारा 18 अक्टूबर को 6 बजे विशेष संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही बीकानेर की संस्कृति व खानपान पद्धति से अवगत कराने हेतु एक कांक्लेव का भी आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में होगा। जिसमें उस्ता कला, परम्परागत खान-पान पद्धति एवं कला संस्कृति काे प्रदशित किया जाएगा।
आयोजन सचिव डॉ मेघना शर्मा एवं डॉ धर्मेश हरवानी ने बताया कि प्रतिभागियों के आरामदायक ठहराव हेतु बीकानेर के करीब 25 से अधिक होटल एवं सामुदायिक भवनों में ठहरने व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विकसित भारत की संकल्पना को लेकर अलग-अलग तकनीकी सत्रों में देश-विदेश के शिक्षाविद विश्वविद्यालय परिसर स्थित विभिन्न भवनों में अपने पत्र वाचन के माध्यम से अपनी बात रखेंगे संगोष्ठी के पश्चात एक रिपोर्ट एवं सुझाव भारत सरकार को प्रेषित किए जाएंगे।