बीकानेर के विद्वानों का सर्वसम्मत्ति से एक ही मत-एक ही स्वर, शास्त्रीय प्रमाणों को आधार बनाकर बीकानेर में एक नवम्बर को दीपावली मनाएं – Chhotikashi.com

बीकानेर के विद्वानों का सर्वसम्मत्ति से एक ही मत-एक ही स्वर, शास्त्रीय प्रमाणों को आधार बनाकर बीकानेर में एक नवम्बर को दीपावली मनाएं

बीकानेर। छोटीकाशी नाम से विख्यात धर्मनगरी बीकानेर में त्यौंहार दीपावली को लेकर बीते कई दिनों से इस बार काफी भ्रम की स्थिति चल रही है। आखिर लोग दीपावली किस दिन मनाएं? हालांकि बीते दिनों बीकानेर में विद्वानों की सभा में एक नवम्बर को ठीक बताया जा चुका है लेकिन देश के कई शहरों में 31 अक्टूबर को दीपावली बतायी जा रही है। संभाग मुख्यालय के जाने-माने पंडितों, विद्वानों, पंचांगकर्ताओं के मत भी सामने आ रहे हैं। रविवार को बीकानेर में भी विद्वानों ने एक मत, एक स्वर में दीपावली 1 नवम्बर को मनाने की बात कही है। रविवार को रत्ताणी व्यास बगेची में ख्यातिनाम विद्वानों, शास्त्रों, पंचांगों के आधार पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंडित बाबूलाल शास्त्री ज्योतिष बोध संस्थान के पं. राजेंद्र किराडू, ब्रजेश्वरलाल व्यास, महेंद्र व्यास, सुशील किराडू, अशोक ओझा, गोपाल नारायण व्यास, अशोक ओझा नानकाणी ने संयुक्त रुप से इसके प्रमाण पेश किए। जिसके आधार पर बताया कि एक नवम्बर को ही दीपावली शास्त्रसम्मत सही है। पं. किराडू ने बताया कि यदि दोनों दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन ही अमावस्या में दीपावली पर्व मनाया जाएगा। इसी तरह यदि प्रथम दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनी है लेकिन अगले दिन अमावस्या उदयव्यापिनी (सूर्योदय से साढ़े तीन प्रहर से अधिक है एवं प्रतिपदा वृद्धिगामिनी है तो भी दूसरे दिन उदयव्यापिनी अमावस्या वाले दिन ही यह पर्व शास्त्रविहित है)। किराडू ने यह भी बताया कि 1 नवम्बर को देश में अयोध्या, इंदौर, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार सहित कई शहरों में दीपावली मनाने की बात कही जा रही है। ब्रजेश्वर व्यास ने 1943 से लेकर कई पुराने पंचांगों के जरिए प्रमाण पेश किए।


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