रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों द्वारा लालगढ़ स्टेशन यार्ड में किया गया आपदा प्रबंधन का संयुक्त अभ्यास सफल
बीकानेर। उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल के लालगढ़ स्टेशन यार्ड में संरक्षा विभाग द्वारा गुरुवार काे सुबह 10:10 से 11:20 तक मॉक ड्रिल की गई। इस मॉक ड्रिल की सूचना शंटिंग मास्टर द्वारा स्टेशन मास्टर लालगढ़ को एवम स्टेशन मास्टर द्वारा नियन्त्रण कार्यालय बीकानेर को प्राप्त हुई। जिसमें रेलवे स्टाफ एवं ठेकेदार के हेल्परों को गंभीर चोट लगने की सूचना के मध्य नजर नियंत्रण कार्यालय से रेलवे ने आपदा प्रबंधन के लिए तुरंत आदेश जारी किया, हूटर बजने के साथ ही सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (SPART) एवं दुर्घटना राहत गाड़ी(ART) को ऑर्डर कर घटना स्थल लालगढ़ स्टेशन यार्ड (लाइन नम्बर 12 )के लिए रवाना किया गया। जहां एक स्लीपर कोच दूसरे स्लीपर कोच के ऊपर चढ़ा हुआ था। इस दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी सहयोगी जैसे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ ) राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) रेलवे अस्पताल लालगढ़, राजकीय अस्पताल बीकानेर, अग्निशमन विभाग, स्काउट गाइड एवं सिविल पुलिस बल को सहयोग के लिए तत्काल सूचित किया गया, जो कि घटना स्तर पर सहयोग के लिए अपने संसाधनों के साथ उपस्थित हुए तथा बचाव कार्य में सहयोग किया। इसमें एनडीआरएफ की टीम ने टीम के सदस्यों ने अपनी सूझबूझ में अत्याधुनिक तकनीकी मशीनों से त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में महती भूमिका निभाने का प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम दुर्घटनास्थल को विशेष चमकीले टैग से घेराबंदी किया गया और उसमें अनावश्यक खड़ी जनता को दूर किया गया, फिर एनडीआरएफ की टीम द्वारा लाउडस्पीकर से घोषणा की गई की हमारी टीम द्वारा सभी फंसे हुए घायलों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा आप धैर्य बनाए रखें और अपना सहयोग प्रदान करें। इस प्रक्रिया में आर ई ( रेलवे विद्युतीकरण) स्टाफ एवं ठेकेदार के हैल्पर दोनों को मिलाकर कुल 47 व्यक्ति घायल हुए जिनको बाहर निकालकर उपचार किया गया। इसमें कुछ घायलों को निजी प्राइवेट हॉस्पिटल एवं स्थानीय सरकारी अस्पताल में भी उपचार हेतु एंबुलेंस के माध्यम से भेजा गया। इस मॉकड्रिल में कुल 7 एम्बुलेंस पहुँची जो रेलवे,राजकीय एवं प्राइवेट हॉस्पिटल, 108 एंबुलेंस की सर्विस सम्मिलित थी। इस प्रक्रिया में चिकित्सा विभाग द्वारा घरेलू की एक सूची तैयार की गई जिसमें रेलवे स्टाफ के घायल वह ठेकेदार के हेल्परों के नाम लिखे एवम निश्चित किया कि कोई भी घायल अब इन कोचों में नहीं बचा है। इस पूरी प्रक्रिया की ड्रोन कैमरे की सहायता से निगरानी एवं फोटोग्राफी की गई सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग द्वारा घटनास्थल से लाइव प्रसारण किया गया जिसकी मंडल कार्यालय एवं मुख्यालय के डिजास्टर मैनेजमेंट रूम में बैठे अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी गई इसके लिए हेल्पलाइन काउंटर खोले गए एवं टेलीफोन नंबर दिए गए जिन्हें चेक भी किया गया। रेलवे के वाणिज्य, यांत्रिक, इंजीनियरिंग, संरक्षा, चिकित्सा, परिचालन, सिगनल एवं दूरसंचार, कार्मिक विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया।
अपर मंडल रेल प्रबंधक रुपेश कुमार ने कंपनी कमांडर एनडीआरफ योगेश मीणा, कंपनी कमांडर एसडीआरएफ किशनाराम वह उनकी टीम का धन्यवाद किया एवं भविष्य में इस प्रकार की एक्सरसाइज में इसी जॉब्स के साथ सहयोग की आशा जताई वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी रन सिंह गोदारा ने भी इस मॉक एक्सरसाइज हेतु सभी का तहेदिल से आभार प्रकट किया। यह पूरी प्रक्रिया आपदा प्रबंधन के लिए उपलब्ध संसाधनों के चुस्त- दुरुस्त होने एवं अभ्यास के लिए की गई जिसमें रेलवे के निर्धारित मापदंड के अनुसार सब कुछ सही पाया गया एवं अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा हो हुआ ।रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एवं अन्य एजेंसी का रिस्पॉन्स बेहतर रहा।
मौके पर उपस्थित सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एनडीआरएफ की टीम द्वारा किये गये प्रदर्शन की भूरी- भूरी प्रशंसा की गयी। इस माैके पर एडीआरएम रुपेश कुमार, सीएमएस रेलवे रामेंद्र काैर, सीआरपीएफ संजय, सिविल डिफेंस से अजीत सिंह, एसडीआरएफ से बलबीर सिंह, जीआरपी एसआई नेहा राजपुराेहित, फायर विभाग से रिबन सिंह, एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर विजय, एएसआई सगर, हेड कांस्टेबल दिनेश, सुरेंद्र अनुशाग अकबर, कांस्टेबल पाेखरमल, सुनील सहित एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड के अन्य अधिकारीगण भी माैजूद रहे।