बीकानेर। दुनिया में तीसरा अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ नेत्र विशेषज्ञों की टीम के साथ तथा भारत का दूसरा सबसे बड़ा सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल चेन उन्नत नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करने वाला एएसजी आई हॉस्पिटल ने दीवाली पर पहल की है। जिसके तहत 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पटाखों से सम्बन्धित आंखों की चोटों के लिए नि:शुल्क परामर्श और सर्जरी की जाएगी।
विशेषज्ञ स्पेशलिस्ट डॉ. पंकज ढाका ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. अंशुमान गहलोत, डॉ. अभिजीत बेनीवाल और डॉ. गार्गी शर्मा भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि दृष्टि स्वास्थ्य में ओनली द बेस्ट के प्रति प्रतिबद्ध के उदेद्श्य से एएसजीआई हॉस्पिटल ने अनूठी पहल की है। 24 अक्टूबर तक रानीबाजार स्थित एएसजी आई हॉस्पिटल केंद्र पर पटाखों से सम्बन्धित आंखों की चोटों के लिए नि:शुल्क परामर्श और सर्जरी की जाएगी। परामर्श के दौरान किसी प्रकार की सर्जरी की आवश्यकता होने पर सुलभ और उच्च-गुणवत्ता वाली देखभाल सुनिश्चित करने के लिए मरीजों को केवल फार्मेसी, एनेस्थीसिया और ऑप्टिकल सेवाओं के लिए लागत वहन करनी होगी। डॉ ढाका ने आंकड़ों पर चर्चा करते हुए बताया कि 2023 के राष्ट्रीय डेटा के अनुसार, भारत भर में पटाखों से संबंधित आंख की चोटों के 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए ग, जिसमें लगभग 60 प्रतिशत 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित किया गया और लगभग 10 प्रतिशत स्थायी दृष्टि हानि का परिणाम हुआ। ये आंकड़े कमजोर समूहों की सुरक्षा और सुरक्षित उत्सव सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपायों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करते हैं। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि उत्सव की अवधि के दौरान आपातकालीन नेत्र आघात के 20 प्रतिशत तक पटाखों के कारण होते हैं, जिसमें 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे लगभग 30 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं और पुरुष 85 प्रतिशत प्रभावित व्यक्तियों का गठन करते हैं।
डॉ अंशुमान गहलोत ने बताया कि पटाखों से संबंधित आंख की चोटों से बचने के लिए पटाखों को संभालते या उनके पास रहते समय हमेशा सुरक्षात्मक चश्मा, जैसे सुरक्षा चश्मा या गॉगल्स पहनें, ताकि चिंगारियों, छोटे कंकड़ या धूल और हानिकारक कैमिकल्स से आंखों की रक्षा हो। पटाखों को जलाते समय कम से कम 5.6 मीटर की सुरक्षित दूरी बनाए रखें और हमेशा ज्वलनशील सामग्री या भीड़ से दूर खुले, विशाल क्षेत्रों का उपयोग करें।