चेयरमैन धारीवाल व बाफना बंधु रहे साथ, अनेक श्रीसंघों में हुआ सम्मान भी
बेंगलूरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में मानव सेवा के क्षेत्र में सेवारत तथा जरुरतमंदों को प्रतिमाह अमावस्या पर भोजन प्रसाद कराने में अग्रणी श्री गुरु गणेश सेवा समिति कर्नाटक बेंगलुरु की टीम देश के विभिन्न राज्यों के अनेक शहरों में चातुर्मासार्थ विराजित रहे साधु साध्वीवृंद के दर्शन वंदन कर पुन: बेंगलूरु लौटे। समिति के कार्याध्यक्ष आशीष बाफ़ना ने बताया कि 9 दिनों के इस धार्मिक यात्रा में करीब पांच राज्यों के विभिन्न शहरों में साधु-साध्वीवृंद के दर्शन वंदन एवं अनेक संतों के अविस्मरणीय आशीर्वाद प्राप्ति का कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस दौरान समिति के चेयरमैन गौतमचंद धारीवाल एवं कोषाध्यक्ष मनोहरलाल बाफना का प्रमुख रुप से सान्निध्य रहा। उन्होंने बताया कि इस मौके पर सर्वप्रथम बेंगलूरु से महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर में पहुंचे, यहां महावीर प्रतिष्ठान में साध्वीश्री चैतन्यश्रीजी महाराज साहब आदि ठाणा की निश्रा में गुरु गणेशलालजी महाराज की 146वीं जन्म जयंती तथा साध्वी श्रीनिर्मितजी महाराज साहब के मास खमन की तपस्या के साक्षी बने। इसके बाद बींबबेवाडी स्थित स्थानक में मुकेशमुनिजी, हरीशमुनिजी महाराज साहब आदि ठाणा तथा विश्रांतवाड़ी में महासाध्वी संबोधिजी मसा. आदि ठाणा के दर्शन वंदन का लाभ लिया। यहां से तेलंगाना राज्य के हैदराबाद सिकंदराबाद पहुंचकर काचीगुड़ा स्थानक में साध्वीश्री जयश्रीजी महाराज साहब आदि ठाणा की निश्रा में वंदन कर दीक्षार्थी बहन कोमल छाजेड़ का समिति की ओर से सम्मान किया गया। सिख विलेज स्थित साध्वीश्री राजमतीजी आदि ठाणा, रामकोट स्थित महासाध्वी सुधाकंवरजी आदि ठाणा, अमीरपेट स्थित साध्वीश्री मंगलज्योतिजी मसा आदि ठाणा, पाट मार्केट स्थित साध्वीश्री सुमंगलाश्रीजी आदि ठाणा, मारडेपल्ली में संतश्री राजेशमुनिजी मसा आदि ठाणा के दर्शन वंदन का लाभ लिए। उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून में प्रेम सुख धाम में श्रमण संघीय उपाध्याय प्रवरश्री रविंद्रमुनिजी मसा आदि ठाणा व यहां साध्वी भवन में उपप्रवर्तनीश्री रिद्धिमाजी मसा आदि ठाणा के दर्शन वंदन के साथ महावीर गौशाला में गौ सेवा का लाभ लिया। देहरादून से पंजाब राज्य के लुधियाना पहुंचे समिति के पदाधिकारियों ने यहां सिविल लाइंस स्थानक में उपाध्यायश्री जितेंद्रमुनिजी मसा. आदि ठाणा, सेक्टर 39 में महासाध्वी पुनीतज्योतिजी मसा बहन मुक्ताश्रीजी मसा आदि ठाणा के दर्शन कर प्रवचन श्रवण किए। लुधियाना से राजधानी दिल्ली पहुंचकर समिति के पदाधिकारियों ने विवेक नगर में अनुपममुनिजी मसा आदि ठाणा, त्रिनगर में विशालमुनिजी, प्रबुतमुनिजी, तीर्थेशमुनिजी आदि ठाणा, करोल बाग प्रेम भवन में पारसमुनिजी भंते, दीपेंद्रमुनिजी आदि ठाणा, वीरनगर में रचितमुनिजी आदि ठाणा के दर्शन वंदन नमन तथा प्रवचन श्रवण आदि का लाभ लिया। दिल्ली से प्रस्थान कर औरंगाबाद में श्री गणेश मिश्री तपोधाम में सभी ने शीश नवाया। इसके बाद बदनापुर में गणेश तपोधाम में विराजित साध्वीश्री प्रतिभाश्रीजी मसा आदि ठाणा तथा जैन स्थानक में साध्वीश्री अमितसुधाजी मसा आदि ठाणा के दर्शन वंदन किया। यहां से जालना पहुंचकर खद्दरधारी संतश्री गणेशलालजी मसा के धाम पर शीश नवाया। श्रमण संघीय सलाहकारश्री रमणीक मुनिजी मसा के 59वें जन्मोत्सव प्रसंग के साक्षी बनकर प्रवचन श्रवण का यहां लाभ लिया। महासाध्वीश्री हिमानीजी मसा के 124वें आयंबिल तप की अनुमोदना कार्यक्रम में प्रवचन श्रवण किया। साथ ही अगले दिन पारणा कार्यक्रम में शिरकत करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। आशीष बाफना ने बताया कि समिति के पदाधिकारी जालना से बीड पहुंचकर बीड स्थानक में महासाध्वीजी आभाश्रीजी आदि ठाणा के दर्शन किए। यहां से अहमदनगर में संतश्री आनंदऋषिजी के पावन धाम में वंदनीय दर्शन किए। साथ ही यहां विराजित संतश्री कुंदनऋषिजी, आलोकऋषिजी मसा के प्रवचन श्रवण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। अहमदनगर में घोड़नदी शिरूर स्थानक में गौतममुनिजी (बरसा) मसा आदि ठाणा के दर्शन कर सुश्रावक परिवार नीतिन जी प्रवीण जी भंडारी के निवास पर आतिथ्य स्वागत सत्कार कार्यक्रम में भागीदारी निभाई। शिरूर से पुणे स्थित शिवाजी नगर स्थानक में विराजित महासाध्वी सुशीलाकंवरजी मसा आदि ठाणा, महावीर प्रतिष्ठान में महासाध्वी चैतन्यश्रीजी मसा आदि ठाणा, बिबवेवाड़ी कोठारी निवास में महासाध्वी प्रतिभाश्रीजी मसा आदि ठाणा, आदिनाथ सोसायटी में संतश्री प्रवीणऋषिजी मसा तथा आदर्शज्योतिजी मसा आदि ठाणा, सादड़ी सदन गणेशपेठ में तारकत्रऋषिजी मसा आदि ठाणा के दर्शन वंदन का लाभ लिया। इस दौरान महावीर प्रतिष्ठान में श्रमण संघ के वरिष्ठ सुस्रावक विजयकांति कोठारी का सम्मान भी समिति की ओर से किया गया। कोषाध्यक्ष मनोहर लाल बाफना ने बताया कि करीब 30 ठाणे के संत सतियों का दर्शन लाभ किया और खूब आशीर्वाद मिला यह खुशी पाकर मन गदगद हो गया।