पीएम मोदी द्वारा ‘सरकारी मंचों’ के राजनीतिक दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान : गोपालदादा तिवारी
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता का बयान
मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधारहीन, झूठे आरोपों के साथ राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए "सरकारी मंच पर तथा इसके माध्यम से सरकारी खर्चों पर देश भर में प्रसारण" का दुरुपयोग कर रहे हैं। चूंकि, 'चुनाव आयोग' इन हरकतों पर अनदेखी करता है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए ‘पीएमओ को संवैधानिक पद की गरिमा’ और ‘सरकारी कार्यक्रमों के प्रोटोकॉल’ को बनाए रखने का निर्देश देना चाहिए। बकौल तिवारी भारत गणराज्य के ‘प्रधानमंत्री पद ग्रहण’ समय मोदीजी ने कसम ली है, कि वह "अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और बिना पक्षपात से पालन करेंगे और बिना किसी डर, स्नेह या घृणा तथा किसी के प्रति बिना तिरस्कार जताते हुए, सभी वर्गों के लोगों के लिए संविधान और कानून के अनुसार कार्य करेंगे।"
इसी के अनुसार, प्रधानमंत्री से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने द्वारा ली गई संवैधानिक प्रतिबद्धताओं का पालन करें और संवैधानिक मूल्यों की नैतिकता को बनाए रखें।
हालाँकि, हाल ही पोर्ट ब्लेयर में ‘वि दा सावरकर हवाई अड्डे के टर्मिनल’ का सरकारी ‘उद्घाटन-कार्यक्रम' का पूरा भाषण तथा प्रक्षेपण सरकारी खर्चे पर, देश भर में प्रसारित किया गया,
पर इस ‘सरकारी कार्यक्रम’ के भाषण में उन्होंने केवल और केवल बेंगलूरु में एकत्र हुए विरोधियों पर निशाना साधने का ही काम किया।
प्रधानमंत्रीजी ने ऊनकी राजनैतिक पार्टी ‘भाजपा के विरोधीयों को’ निशाना बनाकर, द्वेष तथा तिरस्कार की भावना से बेबुनियाद भ्रष्टाचार के कथित आरोप लगाने का काम किया और प्रधानमंत्री की (बिना द्वेष भावना से काम करने की) शपथ की अवहेलना की और सिर्फ द्वेष भावना ही प्रदर्शित की। दरअसल, इस कार्यक्रम में उनसे “वी दा सावरकर के महान कार्यों को उजागर करने और देश में हवाई-अड्डों के विकास की समीक्षा जनता के सामने रखने की उम्मीद थी। सरकारी-उद्घाटन समारोह में भाषण देते समय "सरकारी मंच पर, राष्ट्रीय तिरंगे झंडे के आगे खडे होकर" राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ही बार बार बोलना, प्रधानमंत्री पद की गरीमा तथा संवैधानिक मूल्यों, रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के लिए अपमानजनक है, ऐसा कांग्रेस नेता ने कहा। कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राजनीतिक रूप से बोलने, राजनीतिक एजेंडा जनता के सामने रखने और विपक्ष पर आरोप लगाने का पूरा अधिकार है, लेकिन "उन्हें अपनी पार्टी की बैठकों या पार्टी द्वारा आयोजित रैलियों/सभाओं में राजनीतिक भाषण देना चाहिए या आरोप लगाना चाहिए", लेकिन सरकारी खर्चेसे होनेवाले सरकारी कार्यक्रमों में नहीं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री द्वारा बार बार संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन पर 'चुनाव आयोग' का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को खुद इस पर संज्ञान लेना चाहिए और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए।