श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पदाधिकारियों ने श्रीमहाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया
उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक उत्तरप्रदेश वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पदाधिकारियों ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये और श्री महाकालेश्वर मंदिर कि व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी एवं मंदिर समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा "गुरूजी" ने प्रो नागेंद्र पांडेय, अध्यक्ष श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी के संभागायुक्त कौशल राज शर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सुनील कुमार वर्मा, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी प्रो. ब्रज भूषण ओझा, डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण, जनसम्पर्क अधिकारी पीयूष तिवारी सभी पदाधिकारियों का उत्तरीय वस्त्र, प्रसाद व श्री महाकालेश्वर भगवान का चित्र प्रदान कर सत्कार किया। इस दौरान सहयक प्रशासक मूलचंद जुनवाल, निज सहायक प्रशांत त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि उत्तरप्रदेश वाराणसी के ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पदाधिकारियों श्री महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थाओ के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के प्रवास पर आये। सोनी द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पदाधिकारियों श्री महाकाल महालोक स्थित कंट्रोल रूम में बैठक कर श्री महाकालेश्वर मंदिर से संबन्धित सभी व्यवस्थाओ भस्मार्तीदर्शन, शीघ्र दर्शन, सामान्य दर्शन व उज्जैनवासियों के लिए 11 जुलाई से प्रारंभ हुए नए अवंतिका द्वार आदि के सम्बंध में विस्तृत जानकरी दी गई। इसके अतिरिक्त श्रीमहाकालेश्वर मंदिर की अनादिकाल से चली आ रही पूजा-पद्धति, उत्सव, परम्पराओं, प्राचीन परम्पराओं, प्रबन्धन, उपासना पद्धति, परम्परा आदि के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आधुनिक प्रबंधन पद्धति प्रयोग करने हेतु की गई उत्कृष्ट व्यवस्था के विषय में भी जानकारी दी गई। साथ ही मंदिर के विभिन्न प्रकल्पो गौशाला, निशुल्क अन्नक्षेत्र, मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संस्कृत भाषा व वेदों के संवर्धन हेतु संचालित निशुल्क श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान आदि के सम्बन्ध में भी विस्तार से बताया। पदाधिकारियों द्वारा श्री महाकाल महालोक का भ्रमण भी किया गया और मंदिर में प्रचलित निर्माण कार्यों को भी देखा।